भगवान महावीर जी के मंदिर में भक्ति संगीत संध्या
बीकानेर, 15 अप्रेल। भगवान महावीर के 2621 वे जन्म कल्याणक पर यूथ क्लब के तत्वावधान में गंगाशहर के तेरापंथ भवन में महावीर जयंती पर 1800 की रिकार्ड संख्या में श्रावक-श्राविकाओं ने कर्म निर्जरा के लिए जप के साथ एकासना तप किया। बैदों के महावीरजी मंदिर सहित अनेक मंदिरों में भक्ति संगीत संध्या के कार्यक्रम देर रात चलें।
संस्था के मयंक बांठिया ने बताया कि जैन यूथ क्लब के कार्यकर्ताओं ने पिछले 15 दिनों से एकासना तप व नवंकार महामंत्र के जाप के लिए घर-घर संपर्क किया तथा अधिकाधिक भागीदारी का आग्रह किया। तीन चरणों मेें हुए एकासना के दौरान श्राविकाएं रंग बिरंगी जैन पोशाक में तेरापंथ भवन में पहुंची। पुरुषों के साथ बच्चों ने भी एकासना का तप उत्साह दिखाना शुरू हो गया। निर्धारित समय से पूर्व की कतारबद्ध संख्या में पहुंचकर अपना स्थान ग्रहण कर एकासना तप किया। क्लब के 100 अधिक कार्यकर्ताओं व सेवाभावी श्रावकों ने पंथ व सम्प्रदाय को भूलकर जैन एकता का संदेश देते हुए अपनी सेवाएं दी। तप से पूर्व सभी तपस्वियों को प्रत्याख्यान करवाया गया। सभी को नवंकार मंत्र का जाप करवाया गया तथा जैन यूथ क्लब के समूह के माध्यम से कार्यक्रम को पूर्ण गरिमा व भक्तिमय बनाया गया।
क्लब के अरिहंत डागा ने बताया कि कार्यक्र्रम में नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष महावीर रांका, जैन समाज के वरिष्ठ श्रावक जयचंद लाल डागा, हंसराज डागा, गणेश बोथरा, उद्योगपति व समाज सेवी बसंत नवलखा, क्लब अध्यक्ष सुरेश बैद सहित गणमान्य श्रावक मौजूद थे।
चैत्री पूर्णिमा की क्रिया व आयम्बिल व उपवास आज
बीकानेर, 15 अप्रेल। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की वरिष्ठ साध्वी प्रवर्तिनी, सज्जनमणि शशि प्रभाजी म.सा. के सान्निध्य में शनिवार को चैत्री पूर्णिमा पर अनेक श्रावक-श्राविकाएं उपवास रखेंगे तथा आयम्बिल की तपस्या करेंगे। शनिवार को ही नवपद ओली का समापन होगा। साध्वीवृृंद के सान्निध्य में श्रावक-श्राविकाएं करीब चार घंटें जैन धर्म की परम्परानुसार चैत्री पूर्णिमा की क्रिया करेंगे।
रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में शुक्रवार को साध्वीश्री शशि प्रभा ने प्रवचन में कहा कि कार्तिक व चैत्र पूर्णिमा पर उपवास व आयम्बिल आदि की तपस्याएं करने से नवपद ओली की तपस्या का पुण्य मिलता है। उन्होंने कहा कि चैत्र पूर्णिमा को रात्रि भोजन व हरि सब्जी आदि का त्याग करें तथा धर्म, ध्यान के साथ प्रतिवर्ष उपवास का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि आयम्बिल व चैत्र पूर्णिमा की तपस्या महा मंगलकारी है। नाल दादाबाड़ी में गुरु इकतीसा सोमवार को
साध्वीश्री शशि प्रभाजी म.सा. के सान्निध्य में सोमवार को नाल दादाबाड़ी में गुरु इक्तीसा का सामूहिक पाठ होगा। साध्वीजी स्वयं सुबह साढ़े पांच बजे ढढ्ढों के चैक के इंद्रलोक से पैदल प्रस्थान कर नाल पहुंचेगी। नाल में सुबह छह बजे गुरु इक्तीसा का पाठ शुरू होगा। पाठ का लाभ कन्हैयालालजी, महावीरजी नाहटा व नमन नाहटा परिवार ने लिया है