नकली सत्याग्रह द्वारा गांधी परिवार की 2000 करोड़ की संपत्ति को बचाने की कोशिश – अखिलेश प्रताप
बीकानेर, 16 जून। प्रवर्तन निदेशालय द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दिए गए समन और पूछताछ प्रकरण में कांग्रेस की ओर से किए जा रहे अनावश्यक प्रदर्शन पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए शहर भाजपा ने इसे जांच एजेंसी पर राजनीतिक दबाव डालने की कोशिश बताते हुए कहा है कि इस सम्पूर्ण प्रकरण में केंद्र सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है।
भाजपा जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी स्वयं इस मामले में जमानत पर हैं और देश भर में कांग्रेस द्वारा किया जा रहा प्रदर्शन लोकतंत्र को बचाने का प्रयास नहीं बल्कि गांधी परिवार की 2000 करोड़ की संपत्ति को बचाने की कोशिश है।
सिंह ने कहा कि इस प्रकरण में परिवादी सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि गांधी परिवार ने नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग किया है। इसी प्रकरण में पटियाला हाउस कोर्ट मे सोनिया गांधी, राहुल गांधी व अन्य दिसंबर 2015 से जमानत पर चल रहे है।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा कि कांग्रेस नेताओं को देश के कानून और जांच एजेंसियों पर भरोसा करते हुए ईडी के सामने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के संबंध में सही जवाब देते हुए खुद को निर्दोष साबित करना चाहिए ।
प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एड. मुमताज अली भाटी ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कानून का उल्लंघन नहीं करना चाहिए क्योंकि यह राजनीति का मामला नहीं है।
जिला महामंत्री मोहन सुराणा, अनिल शुक्ला, नरेश नायक, जिला उपाध्यक्ष अशोक प्रजापत, गोकुल जोशी,भगवान सिंह मेड़तिया,मधुरिमा सिंह, जिला कोषाध्यक्ष शिवरतन अग्रवाल ने कांग्रेस द्वारा प्रवर्तन निदेशालय के समन का विरोध करने की कार्यवाही को आम जनता को गुमराह करने वाला तथा असंवैधानिक बताया।
जिला मंत्री अरुण जैन, जिला मंत्री और मीडिया प्रभारी मनीष आचार्य, कौशल शर्मा, प्रोमिला गौतम, सुमन कंवर शेखावत, इन्द्रा व्यास ने कहा कि गांधी परिवार और कांग्रेस नेताओं को भारत की जांच एजेंसियों, न्याय व्यवस्था और संविधान पर भरोसा नहीं है। जांच एजेंसियां विधि सम्मत ढंग से अपना कार्य कर रही है। कांग्रेस पार्टी द्वारा केंद्र सरकार पर बेवजह आरोप लगाकर जांच एजेंसियों पर राजनैतिक दबाव बनाना तथा आम जनता को गुमराह और भ्रमित करना निंदनीय है।