राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विश्वविद्यालय कवायद।
अधिष्ठाता एवं अध्ययन बोर्ड के संयोजकों की उच्चस्तरीय बैठक
बीकानेर 20 जून । राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल एवं प्रभावी क्रियान्वयन हेतु विश्वविद्यालय के 6 संकायों के अधिष्ठाता एवं विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों के अध्ययन बोर्ड के संयोजकों की उच्चस्तरीय बैठक आज सोमवार को माननीय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रारूप एवं उद््देश्यों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का सफल क्रियान्वयन तभी संभव है जब शिक्षक और विद्यार्थी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने सीमित मानवीय संसाधनों के बावजूद इसके सफल क्रियान्वयन की पहल की है। इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय परिसर में संचालित समस्त विभाागों में सत्र 2021 से ही राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रमों का निर्धारण कर एल.ओ.सी.एफ. के माध्यम से शिक्षण कार्य प्रारम्भ किया गया है। विश्वविद्यालय विभागों में पूर्व से ही सी.बी.सी.एस. एवं सेमेस्टर प्रणाली संचालित है। उन्होंने समस्त अधिष्ठाता एवं शिक्षकों का आह ्वान किया कि वे शिक्षा नीति के सफल क्रियान्वयन हेतु समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करे एवं आने वाले शैक्षणिक सत्र 2022 से शिक्षा नीति के अनुरूप पाठ्यक्रमों का निर्धारण करे। साथ ही धरातल पर आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों से भी विश्वविद्यालय को अवगत करावें जिससे विश्वविद्यालय राज्य सरकार एवं राजभवन के स्तर पर समन्वय स्थापित कर इसके प्रभावी क्रियान्वयन को आगे बढा सकें।
उन्होंने कहा कि शैक्षणिक सत्र 2022-23 से सम्बद्ध महाविद्यालयों के लिए विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुसरण में सेमेस्टर प्रणाली, च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं कौशल विकास प्रोग्राम्स का पाठ्यक्रमों में समावेश किया जाए। मुख्य रूप से इन तीन बिन्दुओं पर उन्होंने समस्त संकायाध्यक्षों एवं संयोजकों से सुझाव प्राप्त किये। बैठक में समस्त अधिष्ठाताओं एवं संयोजकों ने इस बात पर अपनी सैद्धान्तिक सहमति दी कि आने वाले सत्र 2022-23 में पाठ्यक्रमों के निर्धारण करते समय सेमेस्टर प्रणाली, च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम एवं कौशल विकास प्रोग्राम्स का समावेश किया जाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में दिये गए प्रावधानों को प्रसारित करने के उद्देश्य से अधिष्टातागण, अध्ययन बोर्ड के समस्त सदस्यगण, सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं शिक्षक तथा विद्यार्थियों के प्रतिनिधियों को सम्मिलित करते हुए कार्यशाला आयोजित करवाने की अनुशंसा की गई तथा प्रथम चरण में उन संकायों में स्नातकोत्तर स्तर पर सेमेस्टर प्रणाली लागू करने की सहमति प्रदान की गई जिनमें नियमित विद्यार्थियों की संख्या अधिकतम 1500 की सीमा तक हो। साथ ही स्नातक स्तर पर संचालित बी.सी.ए., बी.बी.ए., बी.एफ.ए., शिक्षा एवं विधि पाठ्यक्रमों में भी सेमेस्टर प्रणाली लागू करने की संभावना बनाई जाए।
बैठक में सदस्यों ने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के लिए राजकीय महाविद्यालयों में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों को भी ध्यान में रखा जाए। बैठक में अधिष्ठाता डाॅ. जी.पी. सिंह, प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, डाॅ. भगवानाराम बिश्नोई, डाॅ. बी.एस. रतन, डाॅ. मीनू पूनिया, डाॅ. मिनाक्षी मिश्रा, उप कुलसचिव, शैक्षणिक डाॅ. बिट्ठल बिस्सा सहित विभिन्न अध्ययन बोर्ड के संयोजक ऑनलाइन/ऑफलाइन माध्यम से उपस्थित हुए।