पीबीएम अस्पताल की आरएमआरएस की बैठक आयोजित
संभागीय आयुक्त ने दिए निर्देश, मरीजों एवं उनके परिजनों को मिले बेहतर सेवा
जिला कलक्टर सहित अन्य अधिकारी रहे मौजूद
बीकानेर, 30 जून। पीबीएम अस्पताल की आरएमआएस की बैठक गुरुवार को संभागीय आयुक्त डाॅ. नीरज के. पवन की अध्यक्षता में आयोजित हुई।
बैठक में जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, नगर निगम आयुक्त गोपाल राम बिड़दा, सरदार पटेल मेडिकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. मोहम्मद सलीम, पीबीएम अधीक्षक डाॅ. पी.के. सैनी, आरएमआरएस के मनोनीत सदस्य त्रिलोकी कल्ला, नवरत्न सिंघी, विशेष आमंत्रित सदस्य द्वारका प्रसाद पचिसिया सहित चिकित्सक मौजूद रहे।
इस दौरान संभागीय आयुक्त ने कहा कि पीबीएम अस्पताल में आने वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को अस्पताल में बेहतर चिकित्सा व्यवस्था और वातावरण मिले, यह सुनिश्चित किया जाए। अस्पताल की आधारभूत सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पीबीएम अस्पताल के नियमित कार्मिकों के अलावा सभी संविदा, निविदा और अन्य माध्यमों से नियोजित कार्मिकों का पुलिस वेरिफिकेशन करवाया जाएगा। पीबीएम अस्पताल के विकास में योगदान देने वाले भामाशाहों की हर महीने बैठक होगी। इसके मद्देनजर प्रशासन एवं भामाशाहों के मध्य समन्वय के लिए अतिरिक्त संभागीय आयुक्त, पीबीएम के वित्त नियंत्रक और अधीक्षक की कमेटी गठित की गई।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि पीबीएम अस्पताल में मरीज के साथ अधिकतम दो परिजनों को वार्ड में प्रवेश दिया जाएगा। इसके लिए एसएमएस अस्पताल की तर्ज पर पास व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि मरीज अपने घर बैठे रजिस्ट्रेशन करवा सकें तथा उन्हें चिकित्सकों के ड्यूटी चार्ट, जांच की स्थिति सहित प्रत्येक स्थिति की जानकारी मिल सके, इसके मद्देनजर एक मोबाइल एप बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि निविदा या वित्तीय मामलों से संबंधित सभी फाइलें अस्पताल के वित्त नियंत्रक के माध्यम से एक्सामिन करवाई जाएगी। साथ ही दवाईयों आदि से संबंधित महत्वपूर्ण निविदाएं समय पर नहीं की जाएंगी, तो जिम्मेदार कार्मिक के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।
संभागीय आयुक्त ने जांच से जुड़ी प्रत्येक मशीन को दुरूस्त रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक्सरे, सोनोग्राफी सहित प्रत्येक खराब मशीन को अविलम्ब ठीक करवाया जाए। मरीजों को परेशानी नहीं हो, इसके मद्देनजर वैकल्पिक व्यवस्था भी रखी जाए। उन्होंने कहा कि अस्पताल की सेवाओं के स्तर में कमी नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड में कूलर और पंखे लगवाए जाएंगे। इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। अस्पताल के सभी साधनों, संसाधनों और संपदा का प्रभावी लेखा-जोखा रहे सके, इसके मद्देनजर उपाधीक्षक डाॅ. गौरी शंकर को संपदा अधिकारी का कार्यभार दिया गया। संभागीय आयुक्त ने कहा कि आवश्यकता के आधार पर प्रत्येक स्थान पर ई.सी.जी. की व्यवस्था अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाए।
संभागीय आयुक्त ने कहा कि अस्पताल परिसर में चल रही निजी दुकानों एवं संस्थानों आदि में यदि अस्पताल से विद्युत सप्लाई हो रही है, तो ऐसे कनेक्शन अविलम्ब काटे जाएं। पीबीएम अस्पताल के एक कैंटीन के संबंध में आरएमआरएस अध्यक्ष और सचिव की अनुमति के बिना एक समझौता किए जाने पर संभागीय आयुक्त ने डाॅ. राजेश के विरूद्ध चार्जशीट जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही इस समझौते को रद्द करवाने की कार्यवाही के निर्देश दिए।
आरएमआरएस की आय वृद्धि के लिए धूड़ीबाई धर्मशाला परिसर में स्थित दुकानों का किराया बढ़ाने, अस्पताल परिसर में विभिन्न स्थानों पर दुकानें बनाने, नए कैंटीन खोलने, अस्पताल परिसर से बाहर एवं अंदर पार्किंग स्थान चिन्हित करने, वीरा एवं माहेश्वरी धर्मशाला के कमरों एवं अन्य सेवाओं की दरें बढ़ाने तथा बढ़ी राशि आरएमआरएस को उपलब्ध करवाने पर चर्चा हुई। संभागीय आयुक्त ने पीबीएम अस्पताल के कोर्ट से जुड़े मामलों में पैरवी के लिए नए अधिवक्ता नियुक्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरएमआरएस की आगामी बैठकों में संबंधित विभागों के कार्यालयाध्यक्षों को उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
संभागीय आयुक्त ने बताया कि शिक्षा मंत्री एवं बीकानेर पश्चिम विधायक डाॅ. बी. डी. कल्ला द्वारा पीबीएम अस्पताल के लिए 10 नए ई-रिक्शा खरीदने के लिए 16 लाख रुपये स्वीकृत किए हैं। इससे संबंधित आवश्यक स्वीकृतियां जारी हो गई हैं। रिक्शा खरीद की कार्यवाही की जाए तथा इनके संचालन के लिए मैनपावर आरएमआरएस द्वारा उपलब्ध करवाए जाएं। उन्होंने पीबीएम अस्पताल में सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था तथा सड़क निर्माण के लिए नगर निगम को निर्देशित किया।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने कहा कि पीबीएम अस्पताल के प्रत्येक वार्ड की मूलभूत आवश्यकताओं का आकलन एमबीए योग्यताधारी युवाओं के माध्यम से करवा लिया गया है। चरणबद्ध तरीके से इनकी उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि पीबीएम के विकास में सहयोग देने वाले भामाशाहों का पहली बार सम्मान किया गया, भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाए।