गुरु के चरणों की शरण लें-साध्वीश्री मृृृगावतीश्रीजी म.सा.
सुगनजी महाराज के उपासरे में भगवान की प्रतिमा प्रतिष्ठित सवा करोड़ जाप शुरू
सामूहिक जाप व विभिन्न तपस्याएं
बीकानेर, 13 जुलाई। जैन श्वेताम्बर खरतरगच्छ संघ की मनोहरश्रीजी म.सा की सुशिष्या साध्वीश्री मृृगावतीश्रीजी म.सा., बीकानेर मूल की साध्वीश्री सुरप्रियाश्रीजीम.सा व नित्योदया श्रीजी म.सा के सान्निध्य में बुधवार को चातुर्मास के विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान शुरू हुए। देश दुनियां में रोग, शोक महामारी व उपद्रव को निवारण के लिए भगवान श्री श्ंखेश्वर पाश्र्वनाथ के सवा करोड़ मंत्र जाप, सामूहिक प्रतिक्रमण, विभिन्न तपस्याओं का अनुष्ठान शुरू हुई। उपासरे में जैन धर्म के 23 वें तीर्थंकर भगवान पाश्र्वनाथ की प्रतिमा स्थापित की गई।
प्रतिमा स्थापना का लाभ सामयिक मंडल ने लिया। सामयिक मंडल प्रतिष्ठा के निमित 2800 सामयिक करेगा।
रांगड़ी चैक के सुगनजी महाराज के उपासरे में मंगलवार को नियमितत प्रवचन में साध्वीश्री मनोहरश्रीजी की शिष्या साध्वीश्री मृृगावती जी.म.सा. ने बताया कि ’’ऊं हीª श्री शंखेश्वर पाश्र्वनाथाय नमः’’ मंत्र परम प्रभावी, संकट परिहारक, मनोवांछित पूरक व विश्व शांति प्रदायक है। यह सर्व जीवों का कल्याण करने वाला है। जाप 40 दिन चलेगा जिसमें प्रत्येक श्रावक श्राविका 23 वें परमात्मा के 25 माला प्रतिदिन गिनने का अनुष्ठान बुधवार को शुरू कर दिया।
पौषध व प्रतिक्रमण आज-गुरुपूर्णिमा व चातुर्मासिक चतुर्दशी के एक साथ होने से बुधवार को गुरुपूर्णिमा महोत्सव के साथ सामूहिक पौषध व प्रतिक्रमण के अनुष्ठान शुरू हुए। बड़ी संख्या में श्रावक-श्राविकाएं दिन भर उपासरे में रहकर साधु-साध्वीश्री साधना,आराधना व भक्ति और धार्मिक क्रिया की। सुबह सवा छह बजे से रात साढ़े आठ बजे तक उपासरे में पौषध की धार्मिक क्रियाओं के कारण माहौल धर्म, श्रद्धा व भक्तिमय बना था।
सामयिक साधना में 48 मिनट श्रावक-श्राविकाओं गुरु के चरणों की शरण लें-बुधवार को नियमित प्रवचन में साध्वीश्री मृृगावती जी.मा. ने कहा कि वीतराग परमात्मा, दादा गुरुदेव, अरिहंत, सिद्ध व आचार्य आदि, अनादि गुरु है। गुरु का वंदन करें तथा उनके चरणों की शरण लें। कभी भी उनकी निंदा नहीं करें। गुरु अपने शिष्य के दिशा सूचक, मार्ग दर्शक, प्राण है। गुरु के बिना जीवन अंधकार में रहता है। सच्चा गुरु ही हमें आत्म व परमात्मा का ज्ञान करवाकर मोक्ष के मार्ग की ओर अग्रसर करता है। शिष्य में व्याप्त बुराइयों व कमियों को दूर कर सही रास्ता दिखाता है। सुख-दुख में समत्व भाव रखने के लिए प्रेरित करता है।
जीवन में दुर्गुणों को दूर कर सद््संस्कार प्रदान करते है तथा निर्दोष जीवन जीने की प्रेरणा देते है।
पारख बंधुओं का सम्मान-सुगनजी महाराज का उपासरा ट्रस्ट के मंत्री रतन लाल नाहटा व चातुर्मास व्यवस्था समिति के संयोजक निर्मल पारख ने रायपुर के इंजीनियर प्रवीण पारख, वरिष्ठ श्रावक प्रकाशजी पारख का संघ व ट्रस्ट की ओर से श्रीफल, माला आदि से अभिनंदन किया। इंजीनियर प्रवीण पारख व उनका परिवार बीकानेर मूल का है तथा 150 साल पहले छतीसगढ़ चला गया था। इंजीनियर साध्वीश्री मनोहरश्रीजी के नाम से संचालित गौशाला व अन्य प्रकल्पों के प्रन्यास व मार्गदर्शक है।