आज बीकानेर के चोखूँटी फाटक क्षेत्र में सरस्वती विद्या मंदिर परिसर में डॉ सुषमा मगन बिस्सा के नेतृत्व में बच्चों को पुराने दीपक (अनुपयोगी वस्तुओं को उपयोगी बनाना) पर पेंट करके उन्हें नया स्वरूप देने की विधि सिखाई गई इस दौरान नीचे तबके के व झुग्गी झोपड़ियों के बच्चों को सिखाया गया की पुराने दीपक से भी कलात्मक रूप देखकर उन्हें नया बनाया जा सकता है और पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए मिट्टी के दीयों का महत्व बताया गया ताकि गरीब लोगों को रोजगार भी मिल सके एवं पर्यावरण भी साफ रह सके इस तरह चाइना की चीजों का सीधे-सीधे बहिष्कार भी किया जा सके बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ दीपक बनाने में सहयोग किया व वादा किया कि वे घर पर भी इसी तरह से दीपक जलाएंगे इस अवसर पर बच्चों को मिठाई का वितरण भी किया गया कार्यक्रम में श्रीमती गायत्री आचार्य ने पूर्ण सहयोग दिया।