बीकानेर 07 अगस्त । गुजरात के प्रख्यात मानवाधिकार कार्यकर्ता मार्टिन भाई मैंकवान के नेतृत्व में दुनिया का सबसे बड़ा 111 किलोग्राम पीतल का सिक्का जिस पर समानता का संदेश देने वाले महात्मा बुद्ध व संविधान निर्माता बाबासाहेब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के चित्र उकेरे गए हैं तथा छुआछूत मुक्त भारत बनाने का 1947 का सपना 2047 में साकार होगा का संदेश लेकर यात्रा अहमदाबाद से 1 अगस्त 2022 से शुरू होकर राजस्थान के सांचौर ,गुडामालानी सिणधरी बालोतरा शेरगढ, देचू ,फलोदी आउ करणु पांचौड़ी नागौर अजमेर जयपुर मनोहरपुरा कोटपूतली होते हुए 7 अगस्त 2022 को दिल्ली पहुंचेगी।
दिल्ली में 111 किलोग्राम पीतल का सिक्का एवं एक एक रुपए के 21 लाख सिक्के संसद भवन निर्माण में सहयोग के तौर पर महामहिम राष्ट्रपति भारत सरकार को सुपुर्द कर उनसे आग्रह करेंगे की यह सिक्का नए संसद भवन परिसर में स्थापित किया जाए ताकि संसद में बैठने वाले सांसदों के जेहन में छुआछूत मिटाने का सवाल सदैव जिंदा रहे।
06 अगस्त को यात्रा दोपहर 10:00 बजे नागौर पहुंची थी जिसमें बीकानेर से बौद्ध भिक्षु करुणा सागर जी रविदास जी बौद्ध व संजय बारूपाल ने भागीदारी निभाई आज शाम 6:00 बजे यात्रा मनोहरपुरा जयपुर से रवाना होकर रात को दिल्ली पहुँच रही है । गुजरात से यात्रा चालू होते समय 350 कार्यकर्ता साथ में थे आगे से आगे यात्रा में 500 से ऊपर कार्यकर्ता 5 बसों व दर्जनों कारो व मोटरसायकिल सहित मिलते जा रहे हैं।
111 किलोग्राम के इस पीतल के सिक्के को संसद में प्रदर्शित करने के लिए राष्ट्रपति से करेंगे निवेदन।