बीकानेर, 07 अक्टूबर। राजकीय महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय के गांधी केन्द्र में शुक्रवार को जिला स्तरीय अन्तर महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता ‘‘ महात्मा गांधी की प्रासंगिकता का आयोजन किया गया। जिसमें जिले के 08 महाविद्यालयों के प्रतिभागियों के कुल 23 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
मुख्य अतिथि डॉ संजय आचार्य तथा कार्यक्रम के निर्णायक प्रो. दीपाली धवन, डीन पीजी स्टडीज एसकेआरयू, मुकेश व्यास, संपत जैन, महाविद्यालय प्राचार्य डॉ विजयश्री ने कार्यक्रम का विधिवत प्रारंभ मां सरस्वती का दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
प्राचार्य डॉ विजयश्री ने गांधी जी के सिद्धान्तों का उल्लेख करते हुए कहा कि गांधी नाम ही नहीं एक विचारधारा है, उन्होंने असत्य को सत्य से, हिंसा को अहिंसा से तथा गुलामी को स्वराज से जीतने का मूल मंत्र समाज के सामने रखा।
डॉ गुप्ता ने बताया की आत्मनिर्भर भारत की नींव गांधीजी ने ही रखी। वे लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करने के पक्षधर थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अहिंसा और शांति निदेशालय के संयोजक डॉ संजय आचार्य ने कहा कि गांधीजी का अहिंसा एवं सत्याग्रहनुमा स्वतंत्रता संग्राम लड़ाई का मुख्य हथियार था। उन्होनें अहिंसा से ही भारत छोड़ने के लिए अंग्रेजों को मजबूर किया।
गांधी अध्ययन केन्द्र की समन्वयक डॉ नूरजहां ने गांधी अध्ययन केन्द्र का परिचय दिया और जिला स्तरीय अंतर महाविद्यालय भाषण प्रतियोगिता की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डॉ राधा सोलंकी ने किया।