बीकानेर, 08 अक्टूबर। शनिवार को बाल्मीकि जयंती की पूर्व संध्या पर रामपुरा बस्ती में जयंती मनाई गई । इस प्रोग्राम में मुख्य अतिथि पीसीसी सदस्य पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद ने अपने संबोधन में कहा भारत ऋषि-मुनियों का देश है यहां हर समाज हर धर्म मजहब के ऋषि-मुनियों हुवे हैं यही कारण है भारत में सभी धर्मों के लोग एक साथ निवास कर रहे हैं हर धर्म मजहब के लोगों को अपने अपने ऋषि मुनियों की पूजा व इबादत करने का अधिकार है ।
रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि के जन्मोत्सव के रूप में बाल्मीकि जयंती मनाई जाती है शास्त्रों के अनुसार महर्षि वाल्मीकि का जन्म शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था रामायण महाकाव्य के रचयिता महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि के नाम से भी जाना जाता है वाल्मीकि जयंती को प्रकट दिवस के रूप में भी जाना जाता है इस पर्व पर वाल्मीकि जी की जीवन परिवर्तन की कथा सुनाई जाती है जिसमें व्यक्ति को जीवन में बुरे कार्यों को छोड़कर अच्छे कर्मों और भक्ति के मार्ग पर चलने का संदेश दिया जाता है
मकसूद अहमद ने कहा हमें बुराई को छोड़कर अच्छाई के रास्ते पर चलना चाहिए हर मजहब वह धर्म ग्रंथ यही संदेश देते हैं इस दुनिया में सबसे बड़ा धर्म हे तो इंसानियत है अगर इंसानियत पर चलकर हम किसी की भलाई कर सकते हैं तो इह से बड़ा कोई घर्म हो नहीं हसकता ।
इस प्रोग्राम में बलवेश चावरिया, चंद्रप्रकाश चावरिया, पार्षद नन्दलाल जावा, चंद्रशेखर चावरिया, भवानी शंकर, सुखाराम फौजी,पंडित वीरेंद्र, दिलीप पांडे धर्मेंश जावा, गणेश जी, जितेंद्र जी, सत्यनारायण, मुकुल चावरिय अनवर अजमेरी, इमरान लोदी, आदि ने भी विचार रखे व पुष्पांजलि अर्पित की इस प्रोग्राम का संचालन डॉक्टर हैदर मिर्जा बेग ने किया ।