बीकानेर, 13 नवम्बर। कार्तिक माह में बड़े सवेरे स्नान, भगवान विष्णु का ध्यान व जाप तथा तुलसी पूजन सिंचन का दौर परवान पर है। देव उठनी एकादशी को अबूझ सावे के दिन अनेक स्थानों पर तुलसी के पौधे का विवाह भगवान विष्णु के शालीगरामजी अवतार से धूमधाम से किया जाएगा। आवंला नवमी को अनेक महिलाओं व कन्याओं ने मंगलमय जीवन की कामना को लेकर तुलसी तेला का व्रत शुरू किया । व्रत का पारणा द्वादशी को होगा। तुलसी पूजन का विशेष अनुष्ठान कार्तिक पूर्णिमा को संपन्न होगा।
तुलसी पूजन सींचन पूजन करने वाली नया शहर की श्रीमती नवलखी व ममता राठी ने बताया कि हिन्दू धर्म व शास्त्रों में तुलसी विवाह का विशेष धार्मिक महत्व है। सुहागन स्त्री को तुलसी विवाह जरूर करना चाहिए तुलसी विवाह करने से अखंड सौभाग्य और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है। तुलसी विवाह का पुण्य कन्यादान जितना होता है। कार्तिक माह में महिलाएं लक्ष्मीनाथजी सहित अनेक मंदिरों व घरों में तुलसी जी व शालीगरामजी की पूजन करती हैं। वे कार्तिक महात्म्य की कथा सुनती है तथा भजन गाती है।