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बीकानेर 04 दिसंबर। स्वास्थ्य एवं साहित्य संगम की तरफ से शार्दुल स्कूल मैदान स्थित भ्रमण पथ में आज राष्ट्रीय कवि चौपाल की 391वीं कड़ी आयोजित की गई।
संस्था संरक्षक साहित्यानुरागी कवि नेमचंद गहलोत ने बताया कि आज के कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ कवयित्री इंद्रा व्यास ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि डॉ.कृष्ण लाल बिश्नोई थे।
कार्यक्रम संयोजक क़ासिम बीकानेरी ने बताया कि आज की कड़ी में लगभग दो दर्जन कवियों ने अपनी कविताओं का प्रस्तुतीकरण किया। कार्यक्रम में गीत, ग़ज़ल, दोहे, कविता एवं भजन सहित अनेक रचनाओं का शानदार वाचन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षा श्रीमती इंद्रा व्यास ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि कवि चौपाल जैसे कार्यक्रम द्वारा नए कवियों को काव्य सृजन के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। मुख्य अतिथि डॉ. कृष्ण लाल बिश्नोई ने अपने दोहों के माध्यम से श्रोताओं से भरपूर दाद लूटी। विशिष्ट अतिथि नेमचंद गहलोत ने मुझको ऐसा दूल्हा देना मेरे भोले भंडारी के माध्यम से हास्य की फुलझड़ियों से श्रोताओं को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। शायर क़ासिम बीकानेरी ने- ‘जब सुलग रहा हो देश मेरा तो कैसे प्रेम के गीत लिखूं। यह देख के मन मेरा घायल है काग़ज़ पर कैसे प्रीत लिखूं।’ रचना के माध्यम से देश के मौजूदा हालात को बख़ूबी सामने रखा। वरिष्ठ कवयित्री सरोज भाटी ने चुनावी दुल्हन के रूप में व्यंग्यात्मक कविता पेश की। कवि किशन नाथ खरपतवार ने ओ है थारो हिंदुस्तान रचना के माध्यम से सोचने पर मजबूर कर दिया। वरिष्ठ कवि सरदार अली पड़िहार ने अपनी कविता के ज़रिए समाज में जागृति पैदा करने का संदेश दिया। कवि लीलाधर सोनी के गीत ने श्रोताओं में जोश का संचार कर दिया।
कार्यक्रम में शिव प्रकाश सोलंकी कमल, माजिद ख़ान ग़ौरी, शिव दाधीच, कैलाश दान चारण, कल्लू गहलोत, ओम प्रकाश भाटी, हरी कृष्ण व्यास सहित अनेक कवियों ने अपनी कविताओं के प्रस्तुतीकरण से काव्य के विविध रंग बिखेरे।कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रीमती सरोज भाटी ने सरस्वती वंदना का वाचन किया।कार्यक्रम का संचालन क़ासिम बीकानेरी ने किया।