बीकानेर, 2 दिसंबर। राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य महेश गोयल ने गुरुवार को सर्किट हाउस में जनसुनवाई की तथा एकलपीठ कैम्प कोर्ट में लंबित परिवादों की समीक्षा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि आयोग में दर्ज प्रकरणों का नियमानुसार प्राथमिकता से निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक विभाग प्रकरणों के संबंध में की गई कार्यवाही से अवगत करवाएं। प्रकरणों को अनावश्यक लंबित नहीं रखा जाए, अन्यथा संबंधित अधिकारी इसके लिए जिम्मेदार होंगे। जनसुनवाई के दौरान प्राप्त प्रकरणों के निस्तारण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। परिवादी को भी सुना जाए तथा कार्यवाही के तथ्यों से उसे अवगत करवाया जाए। उन्होंने लंबित प्रकरणों की रिपोर्ट निर्धारित समय पर उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए तथा आयोग द्वारा कई स्मरण पत्र दिए जाने के बावजूद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा एक प्रकरण के संबंध में कार्यवाही नहीं किए जाने को उन्होंने गंभीरता से लिया।
56 प्रकरणों की समीक्षा, 22 की सुनवाई
राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य ने आयोग में दर्ज 56 प्रकरणों के संबंध में संबंधित विभागों द्वारा की गई कार्यवाही की समीक्षा की। इनमें जिला कलक्टर कार्यालय, पुलिस, नगर निगम तथा माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से संबंधित प्रकरण थे। वहीं जनसुनवाई के दौरान 22 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनके निस्तारण के लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
इस दौरान जिला कलक्टर नमित मेहता, पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ओमप्रकाश, नगर निगम आयुक्त अभिषेक खन्ना, अतिरिक्त निदेशक (माशि) रचना भाटिया, सहायक निदेशक (लोकसेवाएं) सविना विश्नोई सहित संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।
शुक्रवार को करेंगे निरीक्षण
राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य गोयल शुक्रवार सायं 4 बजे जिला मुख्यालय पर स्थित किसी पुलिस थाने, चिकित्सालय, राजकीय छात्रावास अथवा कारागृह का औचक निरीक्षण करेंगे। गोयल शनिवार प्रातः 9 बजे श्रीकरणपुर के लिए प्रस्थान करेंगे।