टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर, 02 जुलाई । इण्डियन रेडक्रॉस सोसायटी, राजस्थान के तत्वावधान में बीकानेर ब्रांच द्वारा दो दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला रविवार को संपन्न हो गई। समापन समारोह के मुख्य अतिथि राज्य शाखा के चेयरमैन राजेश कृष्ण बिरला थे। समापन समारोह की अध्यक्षता वाइस चेयरमैन विजय खत्री ने की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि बिरला ने कहा कि जिला इकाइयों को अगले तीन माह में संगठन के लिहाज से मजबूती दी जाएगी। उन्होंने बताया कि अभी राजस्थान में मात्र 15 जिले ही फर्स्ट एड प्रशिक्षण के लिए सक्षम है। उन्होंने आगे कहा कि हमें आगामी दिनों में शेष रहे जिलो में भी फर्स्ट एड प्रशिक्षण प्रारंभ करना होगा। बिरला ने कहा कि राज्य शाखा एवं जिला शाखाओं को टीबी रोगियों को पोषण किट देने का कार्यक्रम हाथ में लेना होगा, उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो जिले अच्छा काम कर रहे हैं उनसे अन्य जिलो को सीखना चाहिए। बिरला ने कहा कि राष्ट्रीय ईकाई दिल्ली से मार्गदर्शन प्राप्त कर राज्य इकाईयों को गति देने का काम अतिशीघ्र किया जाएगा।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए खत्री ने कहा कि दो दिवसीय कार्यशाला में जो सुझाव एवं विचार प्राप्त हुए हैं उन पर राज्य स्तर पर विचार किया जाएगा। ऐसे सुझावों को संकलित कर राज्यपाल महोदय के समक्ष रखा जाएगा।
समापन समारोह में बोलते हुए इण्डियन रेडक्रॉस सोसायटी जिला शाखा के चेयरमैन राजेन्द्र जोशी ने कहा की रेडक्रॉस के इतिहास में पहली बार राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है जो पूरे राजस्थान में नजीर बनेगी और बीकानेर की धरती पर रेडक्रॉस को मजबूती देने के लिए जिला संघों के साथ मिलकर जो विमर्श किया गया है उसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर राजस्थान इकाई को भेजा जाएगा। जोशी ने कहा की राज्य इकाई , जिलों को समय-समय पर प्रशिक्षण देना चाहिए जिससे प्राकृतिक आपदाओं से निपटने एवं आमजन को मेडिकल सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
समापन समारोह में विचार व्यक्त करते हुए जिला उपाध्यक्ष डॉ तनवीर मालावत ने कहा कि फस्ट एड को व्यवहारिक बनाने के लिए प्रशिक्षण को गुणात्मक बनाना होगा। इस सत्र का संचालन राज्य ईकाई के कोषाध्यक्ष रमेश मूंदड़ा ने किया।
समापन सत्र से पूर्व दूसरे दिन का पहला सत्र प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण से संबंधित रहा, इस सत्र में संदर्भ व्यक्ति एवं राज्य प्रभारी डॉ. नीलम जैन ने विस्तार से प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण की समस्याएं और समाधान विषय पर चर्चा आयोजित की। डॉ.जैन ने स्पष्ट किया की प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण प्रारंभ करने से पूर्व जिला इकाइयों को राज्य इकाई से स्वीकृति हेतु कैलेंडर प्रस्तुत करना होता है। राज्य उस कैलेंडर को राष्ट्रीय इकाई को भेजकर स्वीकृति प्राप्त करती है। डॉ. जैन ने कहा की आठ दिन की फर्स्ट प्रशिक्षण आवश्यक रूप से होना चाहिए। उन्होंने कहां की प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण के दौरान तकनीक एवं आपदा प्रबंधन से संबंधित गुणात्मक प्रशिक्षण की व्यवस्था प्रशिक्षण के दौरान होनी चाहिए। दूसरे दिन के दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त अभियान कार्यक्रम में निक्ष्यमित्र बनाने का कार्यक्रम विषय पर जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. सी. एस. मोदी ने टीबी मुक्त अभियान के संदर्भ में कहा कि समाज की भागीदारी इस अभियान में अत्यंत आवश्यक है । उन्होंने कहा कि पूरे भारतवर्ष में रेडक्रॉस सोसाइटी के साथ एक एमओयू किया गया है जिसके माध्यम से निक्ष्यमित्र बनाए जाएंगे तथा जरूरतमंद लोगों को पोषण किट दिया जाता है। इस अवसर पर बाइस ईकाईयों के साथ कोटा रेडक्रॉस से जगदीश जिंदल, राजेन्द्र जैन एवं महेंद्र शर्मा ने भी चर्चा में भाग लिया। इस सत्र का संचालन राजेन्द्र जोशी ने किया।