टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
नई दिल्ली , 26 जुलाई। विश्व की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं का समूह G20 की अध्यक्षता वर्तमान में भारत के पास है।पिछले वर्ष दिसंबर में औपचारिक रूप से भारत ने G20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी उसके बाद पहली वित्त और केन्द्रीय बैंक के प्रतिनिधियों की बैठक,G20 विकास समूह की पहली बैठक और संयुक्त वित्त और स्वास्थ्य टास्क फोर्स की बैठक भारत के अलग-अलग शहरों में हो चुकी है। भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता करेगा जिसके अंतर्गत भारत के 60 से अधिक शहरों में 200 से अधिक बैठकें आयोजित की जाएंगी।
यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है कि हमारे देश को इतने बड़े वैश्विक समूह की अध्यक्षता करने का मौका मिला है ।
इस G20 सम्मेलन को यादगार बनाने के लिए केंद्र सरकार 2 तरह के खास स्मारक सिक्के भी जारी कर रही है ।
पहला सिक्का 100 रुपये का तो दूसरा सिक्का 75 रुपये का होगा ।
इन सिक्कों का अनवारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (26 जुलाई) दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर में करेंगे इसी परिसर में सितंबर में G20 समूह के नेताओ की बैठक प्रस्तावित है ।
सिक्को और करेंसी नोटो का संग्रह और अध्यन करने वाले प्रसिद्ध मुद्राशस्त्री बीकानेर के सुधीर लुणावत के अनुसार इन दोनों सिक्को के मुख्य भाग की डिजाइन एक जैसी ही होगी इस सिक्के पर G20 के अधिकारिक लोगो को उकेरा जाएगा जिसके ऊपरी परिधि पर हिंदी में वसुधैव कुटुम्बकम तथा निचली परिधि पर अंग्रेजी में One Earth ,One Family,One Future लिखा होगा !
सुधीर के अनुसार 100 रुपये के सिक्के का वजन 35 ग्राम और 75 रुपये के सिक्के का वजन 22.5 ग्राम होगा ! दोनो ही सिक्को में अन्य धातुओं के मिश्रण के साथ 50 प्रतिशत चाँदी भी होगी ।
यह दोनों सिक्के कभी बाजार में प्रचलन हेतु नही आएंगे और इन दोनों सिक्को को भारत सरकार की कोलकता स्थित टकसाल द्वारा तैयार किया जाएगा ।
सुधीर लुणावत के अनुसार भारत से पहले G20 सम्मेलन के उपलक्ष में
2010 में कोरिया ,2011 में फ्रांस ,2016 में चीन,2020 में इटली भी स्मारक सिक्के जारी कर चुका है ।
जबकि 2020 में सऊदी अरब G20 सम्मेलन पर 20 रियाल का नोट जारी कर इस अवसर पर नोट जारी करने वाला पहला देश रहा है।