टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर-01 अक्टूबर। पर्यटन लेखक संघ- महफिले अदब के साप्ताहिक अदबी कार्यक्रम के अंतर्गत रविवार को होटल मरुधर हेरिटेज में माहाना तरही मुशायरा -15 आयोजित किया गया जिसमें नगर के शायरों ने उस्ताद दाग़ देहलवी के मिसरे “कभी शब की,कभी सहर की तलाश” पर गजलें कह कर दाद लूटी।व
अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ शायर ज़ाकिर अदीब ने अपने तेवर के शे’र पेश किए-
अपनी मंजिल से है शनासाई
हम नहीं करते राहबर की तलाश
शायर इमदादुल्लाह बासित ने मुख्य अतिथि के रूप तरही ग़ज़ल सुना कर वाह वाही हासिल की-
अदलो- इंसाफ की बका के लिए
फिर ज़माने को है उमर की तलाश
आयोजक संस्था के डा ज़िया उल हसन कादरी ने हम सफ़र को याद किया-
मंजिलों की न रहगुज़र की तलाश
है हमें एक हम सफ़र की तलाश
राजस्थान उर्दू अकादमी सदस्य असद अली असद ने अगर मगर की बात की
जो भी कहता हूं मुंह पे कहता हूं
नहीं मुझको अगर मगर की तलाश
क़ासिम बीकानेरी ने “हो तो जायेगी खत्म घर की तलाश”, बाबा तन्हा ने “जो है हमदर्द उस बशर की तलाश” और युवा शायर भरत शर्मा तगज़जुल ने “कभी शब की कभी सहर की तलाश “सुना कर मुशायरे को ऊंचाई बख्शी।
अब्दुल शकूर सिसोदिया ,धर्मेंद्र राठौड़,हनुवंत गौड़ नजीर, आबिद परिहार आदि ने सभी शायरों को खुलकर दाद दी।डा ज़िया उल हसन कादरी ने संचालन किया।