पेपा ने विभिन्न समस्याओं को लेकर सौंपा शिक्षा मंत्री को ज्ञापन

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2020-21 के अंतर्गत आरटीई का भुगतान सभी स्टूडेंट्स को करने, 30 नवंबर 2019 का बैरियर हटाने और आरटीई व नान आरटीई स्टूडेंट्स के प्रवेश के लिए आनलाईन करने की अंतिम तारीख में वृद्धि करने की मांगों को लेकर पैपा ने सौंपा शिक्षामंत्री डॉ कल्ला को ज्ञापन

बीकानेर,11 दिसंबर। आरटीई संबंधित समस्याओं के शीघ्र समाधान हेतु प्राईवेट एज्यूकेशनल इंस्टीट्यूट्स प्रोसपैरिटी एलायंस (पैपा) द्वारा शिक्षा मंत्री डॉ बी डी कल्ला को ज्ञापन दिया गया है। पैपा के प्रदेश समन्वयक गिरिराज खैरीवाल ने बताया कि इस ज्ञापन में बताया गया है कि प्राईवेट स्कूल्स के सामाजिक सरोकारों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। बहुत ही महत्वपूर्ण और उल्लेखनीय योगदान प्राईवेट स्कूल्स का समाज निर्माण में है। वर्तमान में कोविड के बाद उपजे हालात के बाद से ही प्राईवेट स्कूल्स आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। यदि आरटीई के अंतर्गत रूकी हुई पुनर्भुगतान राशि का भुगतान शीघ्र ही हो जाता है तो इन्हें सहयोग ही मिलेगा। उन्होंने बताया कि सौंपे गए ज्ञापन में बिंदु वार समस्याओं का उल्लेख कर तुरंत समाधान की मांग की गई है।

       *ये हैं मांगें* 

1) आरटीई के अंतर्गत सत्र 2020-21 के तहत भुगतान के लिए लागू की गई प्रक्रिया आधी अधूरी थी और वैधानिक भी नहीं थी। बिना किसी दिशा निर्देशों एवं गाईडलाईंस के जारी इस प्रक्रिया के तहत लगभग पचास प्रतिशत स्कूलों ने पोर्टल पर आनलाईन शिक्षण सत्यापन प्रक्रिया के अंतर्गत अपने अपने स्कूल की रिपोर्ट अपलोड नहीं की थी। अतः आप से अनुरोध है कि सत्र 2020-21 के अंतर्गत आरटीई के तहत अध्ययन करने वाले समस्त स्टूडेंट्स ( जिन स्कूलों ने पोर्टल पर आनलाईन शिक्षण सत्यापन प्रक्रिया के अंतर्गत जानकारी अपडेट की और जिन्होंने अपरिहार्य कारणों से जानकारी अपडेट नहीं की) का भौतिक सत्यापन सत्र 2021-22 के भौतिक सत्यापन के साथ ही किया जाना चाहिए ताकि सभी स्कूलों को उनका जायज हक मिल सके।
2) सत्र 2018 – 19 में द्वितीय किश्त का भुगतान उन शिक्षण संस्थाओं को नहीं किया जा रहा है, जिन्होंने क्लेम बिल 30 नवंबर 2019 तक जनरेट नहीं किए थे। ऐसे स्कूल्स क्लेम बिल अपरिहार्य कारणों से ही जनरेट नहीं कर सके थे। इस 30 नवंबर 2019 के बैरियर को हटाने से राज्य की हजारों स्कूल्स को राहत प्रदान मिलेगी। अतः इस बैरियर को हटाने के आदेश तुरंत ही जारी किए जाकर क्लेम जनरेट करने की व्यवस्था की जानी चाहिए।
3) सत्र 2019-20 की प्रथम किश्त का भुगतान 31 दिसंबर 2020 तथा द्वितीय किश्त का भुगतान 31 मार्च 2021 के बाद नहीं किया जा रहा है, अतः ये दोनों बैरियर भी हटने अत्यावश्यक है।
4) सत्र 2021-22 से आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया आनलाईन शुरू किए जाने के कारण जाने अनजाने अनेक स्कूल नान आरटीई के स्टूडेंट्स के प्रवेश को आनलाईन नहीं कर सके, इस वजह से हजारों बच्चों को आरटीई प्रवेश से वंचित रहना पडे़गा अत: नान आरटीई स्टूडेंट्स ( कक्षा – 1) हेतु अंतिम दिनांक में कम से कम 10 दिनों की वृद्धि की जानी ही चाहिए।
खैरीवाल के मुताबिक शिक्षामंत्री डॉ कल्ला ने ज्ञापन में उल्लेखित मांगों पर गंभीरता से विचार कर यथासंभव समाधान करने का आश्वासन दिया है।

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