टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 01 जनवरी । एमजीएसयू बीकानेर द्वारा भारत सरकार की विकसित भारत 2047 परिकल्पना और विश्वविद्यालय कुलपति आचार्य मनोज दीक्षित की विरासत संवर्धन विचारधारा के क्रम में राष्ट्र की विरासत को सुदृढ़ करते एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए राज्य के बीकानेर संभाग की अनदेखी किंतु अति महत्वपूर्ण विरासत और संस्कृति के कुछ अंशों को समेटे वर्ष 2024 का कैलेंडर जारी किया गया है जिसकी परिकल्पना और प्रारूप प्रकाशन समिति की संयोजक डॉ॰ मेघना शर्मा द्वारा तैयार किये गये हैं ।
विमोचन समारोह अध्यक्ष कुलपति दीक्षित ने प्रत्येक वर्ष अलग अलग थीम लेकर यूनिवर्सिटी कलेंडर बनाने जे क्रम को जारी रखने की घोषणा की।
विमोचन समारोह को संबोधित करते हुये डॉ॰ मेघना ने बताया कि इस कलेंडर का थीम ‘खोई हुई विरासत’ है जिसमें संभाग के इतिहास के अलावा प्रमुख धर्मों व पंथ आधारित उन दर्शनीय स्थलों को शामिल किया गया है जिनके बारे में लोग कम परिचित हैं । इसमें जल संरक्षण व पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को समेटे हुए, सर्वसमुदाय की भावना के साथ साथ जीव संरक्षण को भी महत्व दिया गया है। कैलेंडर की प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें संभाग के चारों ज़िलों यथा गंगानगर, चूरू, बीकानेर और हनुमानगढ़ से तीन-तीन दर्शनीय स्थलों को दर्शाया गया है जिनका हिन्दी बारहखडी के क्रमानुसार उपयोग करते हुए सचित्र विवरण देते हुए कलेंडर में प्रस्तुत किया गया है।
विश्व की प्राचीनतम संस्कृति कालीबंगा के अवशेषों से लेकर हिंदू, सिख, नाथ पंथ, जैन धर्म व बौद्ध धर्म के स्थलों को प्रदर्शित किया गया है।
नव वर्ष के कलेंडर का विमोचन सचिवालय में कुलपति आचार्य दीक्षित, प्रो॰ अनिल कुमार छंगाणी, प्रो॰ राजाराम चोयल, कुलसचिव अरुण प्रकाश शर्मा और प्रकाशन समिति की संयोजक डॉ॰ मेघना शर्मा द्वारा सोमवार तड़के किया गया। विश्वविद्यालय के शिक्षक और अधिकारी विमोचन समारोह में शामिल रहे ।