टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
गंगाशहर 07 जनवरी । अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद् के तत्वावधान एवं स्थानीय तेरापंथ युवक परिषद् द्वारा अभिनव सामायिक का आयोजन तेरापंथ भवन में किया गया। मुनिश्री श्रैयास कुमारजी के सान्निध्य तथा मुनि श्री चैतन्यकुमार अमन के सानिध्य मे 250 भाईयों व बहनों ने सामायिक की आराधना की। सामायिक के दौरान त्रिपदी वंदना, जपयोग, ध्यानयोग एवं स्वाध्याय करवाया गया। स्वाध्याय योग के अन्तर्गत मुनि चैतन्य कुमार अमन ने कहा- आत्मा ही सामायिक है।
आत्मा में स्थित रहना ही सामायिक है। धार्मिकता की कसौटी है व्यक्ति की समत्व साधना |पापकारी प्रवृत्ति का त्याग सामायिक है। साधु-संत यावज्जीवन सामायिक करते है किन्तु श्रावकों के लिए एक मुहुर्त के लिए एक मुहुर्त यानि अड़तालीस मिनिट के लिए पापकारी प्रवृत्ति त्याग करना होता है। सामायिक का लक्षण है- जागरुकता । जिस घर में प्रतिदिन सामायिक होती है उस घर में अशुभ का वातावरण हट जाता है। भगवान महावीर ने राजा श्रेणिक को नरक से बचाव का एक सुन्दर उपाय बताया था – एक सामायिक । काम, क्रोध, ईर्ष्या, वासना से हटकर आत्मा में निवास करना ही सामायिक साधना है।
इस अवसर पर मुनिश्री श्रेयास कुमार ने सामुहिक सामायिक का संकल्प कराया तथा मधुर गीत के साथ प्रेरणा प्रदान की। इस अवसर पर तेरापथ युवक परिषद् के सह मंत्री मांगीलाल बोथरा ने कार्य क्रम का संचालन करते हुए अपनी भावना व्यक्त की। ते यू प अध्यक्ष अरुण नाहटा मंत्री भरत गोलछा विशेष रूप से उपस्थित थे। सभा अध्यक्ष अमरचन्द सोनी, मंत्री रतन छलानी महिला मंडल अध्यक्षा श्रीमती संजू लालानी मंत्री मिनाक्षी आंचलिया कन्या मंडल संयोजिका प्रिया संचेती सह संयोजिका मुदिता डाकलिया, किशोर मंडल संयोजक नीरज बोथरा उप संयोजक विशाल सेठिया भी उपस्थित थे। लगभग 250 श्रावक-श्राविकाओ ने अभिनव सामायिक का प्रयोग किया। कार्यक्रम में अ.भा.ते-यु प से संयोजक एवं तपोयज्ञ के राज्य प्रभारी ललित राखेचा ने आभार व्यक्त करते हुए अपने विचार व्यक्त किए।