टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 17 फरवरी । आयुक्तालय कॉलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर द्वारा निर्देशित क्रम में दिनांक 12 से 15 फ़रवरी तक महाविद्यालय में अध्ययनरत छात्राओं के लिए छात्रा जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम व कार्यशाला का आयोजन किया गया। मिडिया प्रभारी सुनीता बिश्नोई ने जानकारी दी कि इस कार्यशाला के अंतर्गत दिनांक 12 फ़रवरी को वित्तीय जागरूकता कार्यक्रम रखा गया जिसमें आर्थिक आत्मनिर्भरता की बुनियादी आवश्यकता एवं स्वयं सहायता समूहों स्वावलंबन का आधार परडॉ रजनी व डॉधनवनी बिश्नोई द्वारा व्याख्यान दिया गया व छात्राओं से विस्तार में चर्चा की गई ।
इसी क्रम में दिनांक 13 फ़रवरी को महारानी सुदर्शन कन्या महाविद्यालय में भारत के संविधान में महिला सुरक्षा एवं अधिकार विषय पर व्याख्यान व चर्चा का आयोजन किया गया जिसके अंतर्गत भारतीय न्याय संहिता में महिला अधिकारिता संबंधी प्रावधान IPC एवम् CRPC के नवीन संशोधनों के बारे में बताया गया ।साथ ही घरेलू हिंसा क़ानून मानव तस्करी विरोधी क़ानून पॉक्सो एक्ट दहेज निषेध अधिनियम कार्यस्थल पर यौन शोषण एक्ट प्रतिषेध अधिनियम तथा महिला प्रताड़ना रोकने संबंधित अधिनियम पर चर्चा की गई ।
कार्यशाला के प्रथम चरण में श्रीमती सुनीता हठीला ने भारत के संविधान तथा अधिनियम के नवीन संशोधन की विस्तृत जानकारी दी ।द्वितीय चरण में वक़ील प्रियंका ने घरेलू हिंसा आदि पर व्याख्यान दिया ।महाविद्यालय स्तर पर छात्राओं के लिए इन अधिनियमों तथा कानूनों की जानकारी होना अति आवश्यक है ।उन्होने महिला वर्ग को अपने अधिकारों के प्रति सजग जाग्रत एवं चौकन्ना रहने की सलाह दी ।कार्यशाला के तृतीय चरण में वक़ील बन रही सुश्री रिशिता सिंह ने यौन शोषण प्रतिषेध अधिनियम व महिला प्रताड़ना रोकने संबंधी प्रावधानों पर विस्तृत चर्चा करके छात्राओं को क़ानून का साथ देने पर बल दिया ।
वक्ताओं द्वारा महाविद्यालय को उपयुक्त तथा महिला सुरक्षा एवं सलाह को महत्व देने के लिए स्वयं सेसेवाएँ देने के लिए आश्वस्त किया तथा हेल्पलाइन नंबर भी उपलब्ध करवाया ।महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर नंदिता सिंघवी ने महाविद्यालय में छात्राओंको सुरक्षा का वातावरण एवं सहायता के लिए विधिक प्रकोष्ठ की स्थापना किए जाने की बात कही ।साथ ही उन्होंने बदलते समय में महिला परिस्थितियों में आ रहीं परिवर्तनों की चर्चा भी की तथा छात्राओं को अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहने का आह्वान किया । महिला प्रकोष्ठकी वरिष्ठ सदस्या डॉक्टर नूरजहाँ ने संविधान में वर्णित महिला अधिकारों एवं दंड संहिता में लिखित अधिकारों के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला व छात्राओं को उनकी विस्तृत जानकारी दी । 14 फ़रवरी को सेहतमंद आधी :आबादी आवश्यकता एवं अनिवार्यता महिला स्वास्थ्य पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए महिला प्रकोष्ठ की प्रभारी डा. अजन्ता गहलोत द्वारा महिला स्वास्थ्य एवं उसके महत्व को धयान मे रखते हुए स्वस्थ जीवन में योग के महत्व और पौष्टिक भोजन की आवश्यकता पर बल दिया .महाविद्यालय की वरिष्ठ संकाय सदस्य एवं गृह विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ इंदिरा गोस्वामी ने छात्राओं को सेहत के शारीरिक ,मानसिक,सामाजिक तथा आध्यात्मिक पक्ष के विषय में मैं विस्तार से बताया. अच्छा भोजन करने व्यायाम करने तथा अपनी रुचियां को विकसित करने से व्यक्ति के जीवन मैं नकारात्मक उन्होंने सात्विक भोजन करने गिलोय आदि के काढे को पीने के लिए तथा साथ ही संगीत को जीवन का हिस्सा बनने के लिए भी छात्रों को प्रेरित किया. इस अवसर पर दूसरी वक्ता पतंजलि योग संस्थान की सोशल मीडिया प्रभारी श्रीमती इंदु शर्मा थी. इन्होंने पाश्चात्य सभ्यता को त्याग कर भारतीय सभ्यता को अपनाने को कहा. स्वास्थ्य के लिए योग महत्वपूर्ण है.प्राणायाम और ध्यान से तनाव को दूर किया जा सकता है. विद्यार्थी जीवन में इस तकनीक को सीख कर सफलता प्राप्त कर सकते हैं.महिला स्वास्थ्य के ज्वलंत विषय पर बोलते हुए डा.आभा ओझा ने महिलाओं में होनेवाले मासिक धर्म में हाइजनिक दृष्टिकोण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।
इस समय महिलाओं में होने वाली खून की कमी को पौष्टिक भोजन करके दूर किया जा सकता है. इसके लिए भोजन में आम रूप से उपलब्ध होने वाले भोज्य पदार्थ का उपयोग किया जाना चाहिए जैसे तिल मूंगफली, गुड़,बाजार आदि. सब्जियों को बनाने के लिए स्टीम विधि का उपयोग किया जाना चाहिए ताकि सब्जियां की पौष्टिकता नष्ट न हो. छात्राओं के द्वारा अनेक प्रश्न वक्ताओं से पूछे गए जैसे कि पानी के उपयोग को कैसे बढ़ाया जाए?खनिज कैल्शियम की कमी को कैसे दूर किया जाए? तैलीय पदार्थ का उपयोग अधिक क्यों नहीं किया जाए?इन सभी प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं को संदर्भ व्यक्तियों के द्वारा छात्रों को संतुष्ट किया गया. छात्रा पूनम परिहार के द्वारा अनेक सुझाव भी दिए गए ।
15 फ़रवरी को कार्यशाला के चतुर्थ दिवस पर महिला आत्मरक्षा के अंतरगत घर ,कार्यस्थल एवं सार्वजनिक क्षेत्रों में सुरक्षा की चुनौतियां एवं सुरक्षा के उपायों पर व्याख्यान दिया गया ।साथ ही मार्शल आर्ट प्रशिक्षक श्री प्रीतम सेन द्वारा आत्मरक्षा की सरल तकनीकों को छात्राओं को सिखाया गया ।Renshi की उपाधि से सम्मानित श्री प्रीतम सेन जी द्वारा छात्राओं को 3A’s अर्थात अवेयरनेस ,असेसमेंट एवं एक्शन तकनीक को अपनाने की अपील की I उन्होंने छात्राओं को आत्मविश्वास को बढ़ाने वह ख़ुद की रक्षा स्वयं करने पर बल दिया I कार्यशाला के अंत में समापन कार्यक्रम में अतिथियों को स्मृति चिन्ह व एप्रिसिएशन पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा सभी अतिथियों को डॉक्टर अजंता गहलोत द्वारा आभार प्रकट किया गया ।इस पूरी कार्यशाला कार्यक्रम में डॉक्टर नूर जहाँ ,डॉक्टर धनवंती डॉक्टर सुनीता गहलोत द्वारा भागीदारी दी गई और अंत में छात्राओं का धन्यवाद दिया गया ।