टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 07 मार्च। राजकीय डूंगर महाविद्यालय के लोक प्रशासन विभाग द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में “स्वामी विवेकानंद के चिंतन में महिला सशक्तीकरण” विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन करते हुए प्राचार्य प्रो. दिग्विजय सिंह ने विद्यार्थियों को कहा कि भारत की महिलाऐं आरम्भ से ही सशक्त है व महिला तथा पुरुष एक इकाई के रूप में है।
विधार्थियों को अपनी असीमित ऊर्जा को पहचानना है व राष्ट्र की प्रगति में महिला व पुरुष दोनो को मिलकर कार्य करना है। मुख्य वक्ता प्रो. दिव्या जोशी ने कहा कि स्वामी विवेकानंद का मानना था कि जो भी व्यक्ति अपने द्वारा निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्त करता है वह सशक्त है व महिला स्वंय एक शक्ति है महिला स्वयं के व्यक्तित्व का विस्तार, परिवार, समुदाय, समाज, राष्ट्र व ब्रहमांड को समाहित करते हुए करें क्योंकि महिला शक्ति सम्पन्न है व उसके सामर्थ्य का विस्तार अनन्त है। उन्होंने मानसिक घरातल पर आत्म निर्भर बनने का आहवान किया। प्रो. मैना निर्वाण ने कहा सशक्तिकरण एक सोच व देखने का नजरिया है इसे सकारात्मक व विश्वास से परिपूर्ण रखें। कार्यक्रम का संचालन विभाग प्रभारी प्रो. साधना भंडारी ने किया।