टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर, 11 जून। राज्यपाल श्री कलराज मिश्र ने कहा कि भारतीय कृषि और किसानों की समृद्धि के लिए विश्वविद्यालय, कृषि प्रबंधन के साथ विपणन, भंडारण, खाद्य प्रसंस्करण जैसे विषयों पर भी शोध और नवाचारों से जुड़े कार्य करे।
राज्यपाल श्री मिश्र मंगलवार को स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के बीसवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के युग में विश्वविद्यालयों द्वारा कृषि शिक्षा, शोध और प्रसार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए किसानों को कृषि तकनीकों और नवाचारों की जानकारी दी जाए। उन्होंने राजस्थान की भौगोलिक विषमता और अनियंत्रित जलवायु के मद्देनजर सूखा प्रबंधन की दिशा में भी डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किसानों के लिए किए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कृषि शिक्षा के अंतर्गत जैविक उत्पादों की खोज और उत्पादन वृद्धि में वैज्ञानिक अनुसंधानों के व्यावहारिक प्रयास बढ़ाने की भी आवश्यकता जताई।
श्री मिश्र ने कहा कि जल संसाधनों की सुरक्षा, संरक्षण और संवर्धन विषय पर नए सिरे से शोध और अनुसंधान किए जाएं। उन्होंने परंपरागत खेती के साथ खेती की नई तकनीकों को प्रोत्साहित करने के दिशा में विश्वविद्यालय द्वारा विकसित की गई चने की मूमल किस्म, जीएनजी 1581 गणगौर और मोठ की वेरायटी किस्म के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी। उन्होंने खजूर अनुसंधान के क्षेत्र में 34 नई किस्मों सहित 54 प्रकार की किस्में विकसित करने, विश्वविद्यालय की मरूशक्ति इकाई द्वारा तैयार बाजरा बिस्कुट की सामग्री पर पेटेंट और यूनाइटेड किंगडम द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन मशीन पर प्राप्त पंजीकरण के विश्वविद्यालय के प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया।
विकसित भारत के संकल्प को साकार करने प्रतिबद्ध होकर कार्य करें युवा
राज्यपाल ने कहा कि विकसित भारत के संकल्प को साकार करने में युवा शक्ति देश के लिए प्रतिबद्ध होकर कार्य करें। शिक्षक युवा पीढ़ी को संस्कारवान बनाएं।
शिक्षक न केवल ज्ञान का स्रोत हैं, बल्कि युवा पीढ़ी को नैतिक, संस्कारवान, संवेदनशील और समर्पित नागरिक बनाने में भी उनकी अहम भूमिका है। उन्होंने समसामयिक विषयों पर विद्यार्थियों की समझ बढ़ाने के प्रति शिक्षक अपना उत्तरदायित्व निभाने का आह्वान किया।
श्री मिश्र ने कहा की नई शिक्षा नीति में मौलिक शोध और अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसी के अनुरूप इनोवेशन सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर, नवीन स्टार्टअप के लिए विद्यार्थी तैयार करें।
राज्यपाल ने आरंभ में संविधान की उद्देशिका और मूल कर्त्तव्यों का वाचन करवाया। इस दौरान ‘विश्वविद्यालय: प्रगति के सौपन’ लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
समारोह में दीक्षांत उद्बोधन में पद्म भूषण प्रो. राम बदन सिंह ने देश की बढ़ती आबादी को भोजन उपलब्ध कराने के के लिए मानव और प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण इस्तेमाल किए जाने पर जोर दिया। पूर्व कुलपति प्रो. बी. आर. छींपा ने जलवायु अनुकूल तकनीकों का विकास करने, जैविक और प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने और पर्यावरण सुरक्षा के लिए कार्य करने की आवश्यकता जताई। कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने विश्वविद्यालय का प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को उपाधियां प्रदान की। समारोह में 19 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक और 3 विद्यार्थियों को कुलाधिपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया।
राज्यपाल श्री मिश्र ने कृषि विश्वविद्यालय परिसर में विद्या मंडप के पास 6.5 लाख रुपए की लागत से नवनिर्मित संविधान पार्क, कृषि महाविद्यालय में 1 करोड़ की लागत से नवनिर्मित भारत रत्न डॉ. एम.एस. स्वामीनाथन छात्रावास व 35 लाख की लागत से निर्मित उच्च जलाशय का लोकार्पण किया। उन्होंने कृषि ज्ञान रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। राज्यपाल ने ‘कृषि व्यवसाय-प्रबंधकीय परिप्रेक्ष्य में” और ‘बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सिद्धांतों पर पाठ्य पुस्तक’का विमोचन किया। उन्होंने केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल के पूर्व कुलाधिपति पद्मभूषण प्रो. आर.बी.सिंह व स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.बी.आर.छींपा को डॉक्टरेट ऑफ साइंस की मानद उपाधि प्रदान की। कुलसचिव डॉ. देवाराम सैनी ने आभार जताया।
इस दौरान बीकानेर (पूर्व) विधायक सिद्धि कुमारी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग, संभागीय आयुक्त वंदना सिंघवी, जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि, पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम, पूर्व मंत्री डॉ बी.डी. कल्ला, पूर्व कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत सहित विश्वविद्यालय के डीन, डायरेक्टर, विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल और विद्या परिषद सदस्य, पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी, विद्यार्थी मौजूद रहे।