टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
महावीर इंन्टरकाॅन्टीनेंटल सर्विस ऑर्गनाईजेशन और अनाम प्रेम मुम्बई स्वरोजगार प्रशिक्षण शनिवार से
मूक बधिर बच्चों का लिए स्किल डवलमेंट कोर्स आज से शूरू,
1000 बच्चें लेंगे प्रशिक्षण, 500 बच्चे पहुंचे, कल तक पहुचेंगें सारे,
दो विशेष एम्बलेंस द्वारा आंख तथा कान की होगी निःशुल्क जांच, निःशुल्क मिलेगा चश्मा
बीकानेर, 27 सितम्बर। बीकानेर मे समाज सेवा का अनुठा आयोजन होने जा रहा है। महावीर इन्टरनेशनल सर्विस आर्गेनाइजेशन मीसो तथा अनाम प्रेम मुम्बई, सेठ बालचंद डागा चैरिटेबल ट्रस्ट, श्रीमति लूनी देवी डागा ट्रस्ट और हंशा गेस्ट हाऊस के संयुक्त प्रयासों से देश भर के विभिन्न शहरों से लगभग 1000 मूक बधिर बच्चों का स्वरोजगार प्रशिक्षण शनिवार से डागा गेस्ट हाउस में शुरू होगा। यह आयोजन 28 अक्टूबर से 2 अक्टूबर तक प्रातः 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक विभिन्न प्रशिक्षण, मनोरंजन, बीकानेर दर्शन सहित विभिन्न गतिविधियों से सुस्सजित होगा।
मीसो के अंर्तराष्ट्रीय अध्यक्ष तथा पूर्व सांसद वीर पुष्प जैन ने बताया कि मीसो द्वारा यह 23वां संस्करण है जो बीकानेर मे आयोजित होने जा रहा है। इस सेवा संकल्प में अब तक 41000 बच्चों को विभिन्न तरह के स्वरोजगार विषयों का प्रशिक्षण देकर आर्थिक से रूप सशक्त बनाया जाता है। बीकानेर मे भी पांच दिनों तक डागा गेस्ट हाऊस व हंशा गेस्ट हाऊस में देश भर के मूक बधिर बच्चें रहेंगें और 25 तरह के अलग अलग स्किल का प्रायोगिक काम सीखेंगें।
मीसों के अंतर्राष्ट्रीय महासचिव वीर लोकेश कावड़िया ने बताया कि प्रशिक्षण शिविर की शुरूआत सुबह 9 बजे से हो जायेगी जिसमे तीन सत्र दोपहर 1ः30 संचालित होंगें भोजन अवकाश के बाद पुनः साढ़े तीन बजे से साढ़े चार बजे चौथा सत्र फिर दो घंटे का खेलकूद मनोरजन होगा तथा दिन का अंतिम व पांचवा सत्र सायं सात बजे आठ बजे चलेगा। फिर मनोरंजक गतिविधियां आयोजित होगी।
स्वरोजगार प्रशिक्षण में 75 तरीकों की कलाओं का प्रशिक्षण दिया जायेगा जिनमे मुख्य रूप से नेल आर्ट, ऑर्गेनिक साबुन, हेंडवाॅश, कपड़े की माला, मशीन से दीये की बाती, मेंहदी कला, कन्फेक्शनरी आइटम आदि शामिल है। इस शिविर को गंभीरता से पूर्ण करने पर कोई भी प्रशिक्षणार्थि प्रतिमाह 15000 रूपयें कमा सकेगा।
कार्यक्रम के संयोजक वीर विजयसिंह डागा ने बताया कि दिव्यांग बच्चों के प्रति संवेदनशील नजरिया रखते हुए यह विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के शुभारंभ दिवस पर आयोजित समारोह में मीसो के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष वीर पुष्प जैन, लोकेश कावड़िया, सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधि सम्बोधित करेंगें। इस दौरान बीकानेर के गणमान्य जन भी उपस्थित रहेंगें।
आयोजन के सह संयोजक वीर संतोष बांठिया ने अब तक बीकानेर में पहुंच चुके बच्चों के बारे मे बताते हुए कहा जयपुर, उदयुपर, सहित कई शहरों के 500 से अधिक बच्चे बीकानेर पहुंच चुके है तथा देश के अन्य हिस्सों से भी पूर्व सुचित बच्चे लगातार पहुंच रहे है जो कल तक बीकानेर पहुंच जायेगें। इन बच्चो के साथ इनके कोच, प्रबंधक व कईयों के माता पिता भी आये है जिनके वातानुकुलित रहने की प्रबंध, बीकानेर के प्रसिद्ध व्यंजन युक्त खाने पीने की व्यवस्था तथा आवागमन के साथ समस्त तरह की व्यवस्था मीसों द्वारा की जा रही है। आज आये बच्चों का स्वागत बड़े जोरशोर से पुष्प वर्षा के साथ किया गया तथा पंजीकरण के साथ मीसो की तरफ से टी शर्ट केप और एक बेग दिया गया है।
मीडिया प्रभारी राजेश गोस्वामी ने बताया कि महावीर इंटेरकान्टीनेंटल सर्विस ऑर्गेजेशन संस्था, रायपुर से आई दो एम्बुलेंस के द्वारा पूरे बीकनेर शहर वासियों के लिए आँखों की विशेष जांच ओर मुफ्त चश्मा वितरण की सुविधा की गई है । इसके साथ ही कान से बहरे लोगों के लिए भी मुफ्त जांच की व्यवस्था की गई है, इसके लिए कोइ भी बीकानेरवासी आयोजन स्थल पर आकर मीसो ओर अनाम प्रेम की ओर निवेदन की इस सुविधा का लाभ उठा सकता है।
साइलेंट विपेज ऑफ इंडिया ‘खामोश गाँव’ से आयेंगे 50 बच्चे
इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले बच्चे ना बोल सकते है ना सुन सकते है। ऐसे ही एक छोटा सा गाँव है जहां के हर घर के एक या दो सदस्य ऐसे है जो सुन और बोल नही सकते है। यहां तक की उसका का नाम भी खामोश गाँव की पहचान रखता हैं, यह गाॅव है जम्मू से 260 किलोमीटर दूर डोडा जिले घड़कई। इस गाँव से 50 मूक बधिर बच्चे इस शिविर मे भाग लेने के लिए आये है।
विश्व पर्यावरण के संरक्षण हेतु मीसो की एक अनूठी पहल के तहत 2511 पौधो का होगा रोपण, बनेगा विश्व रिकाॅर्ड
1 अक्टूबर को बीकानेर जिले के मेघासर और कोलासर मे मूक बधिर बच्चों, ग्रामवासियों एवं अन्य पर्यावरण प्रेमियों द्वारा 2511 पौधे रोपित किये जायेंगें। कार्यक्रम मे मूक-बधिर बच्चों के साथ साथ गाँव के बच्चे भी अपनी सहभागिता निभायेंगें। इस कार्यक्रम को वल्र्ड रिकाॅर्ड की टीम भी कवरेज करेगी, सफलता से पूर्ण होने पर बीकानेर के नाम एक वल्र्ड रिकाॅर्ड हो जायेगा।