टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
प्रतिभा को तराशना शिक्षक का मूल दायित्व- विश्नोई
बीकानेर /बज्जू ,25 अक्टूबर। विद्यार्थी की नैसगिक प्रतिभा को तराश कर उसके भावी जीवन के विकास की और ले जाने का कार्य शिक्षक ही कर सकता है। यह उदगार राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बज्जू खालसा बज्जू में आयोजित जिला शैक्षिक सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए पूर्व विधायक बिहारी लाल विश्नोई ने मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किये।
पूर्व विधायक विश्नोई ने कहा कि विद्यार्थी को नवीन ज्ञान प्राप्ति की और अग्रसर करने, उसे अपनी विशिष्ठता को पहचानने के अवसर प्रदान करने, सामाजिक समस्याओं एवं आवश्यकताओं के प्रति सवेदनशील और जागरूक बनाना शिक्षक का मूल दायित्व है इस दायित्व को पूर्ण करने का आव्हान शिक्षकों से किया।
विशिष्ट अतिथि उप जिला प्रमुख प्रतिनिधि हुकमाराम विश्नोई ने अपने अध्यक्षीय उदबोधन में कहा कि शिक्षको को शिक्षा क्षेत्र के नवाचारो से जुड़े रहते हुए विद्याथियों को लाभान्वित करने का आव्हान शिक्षकों से किया।
उदघाटन कर्ता उपखण्ड अधिकारी महावीर सिंह जोधा ने कहा कि केवल ज्ञान से भरा हुआ ही पर्याप्त नहीं बल्कि वह सिखाने की कला में निपुण होने वाला शिक्षक ही प्रभावशाली बनता है इसलिए शिक्षक निरन्तर अध्ययनशील रहते हुए नवाचारों को अपनाये।
प्रदेश पर्यवेक्षक एवं प्रदेशमंत्री नरेश सोलकी ने कहा कि शिक्षकों को संकल्पित भाव से संगठन के प्रति विश्वास बनाये रखने के साथ साथ समय समय पर आहुती के लिए तैयार रहना होगा तभी शिक्षकों के अधिकारों की रक्षा हो सकेगी।
विशिष्ठ अतिथि प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवि आचार्य ने कहा कि निरन्तर नवीन कार्यकर्ताओं का निर्माण होने से ही संगठन का विस्तार सम्भव है इसलिए शैक्षिक क्षेत्र में उन्नयन का कार्य करने के लिए शिक्षकों व पदाधिकारियों को और अधिक सक्रियता एवं मनोयोग से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
विशिष्ठ अतिथि प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश विश्नोई ने कहा कि संगठन के माध्यम से शिक्षक अपने अधिकारों की सुरक्षा
कर सकता है इसलिए संगठन के साथ जुडे रहकर कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता सक्रियता से निभाएँ।
विशिष्ठ अतिथि प्रधान प्रतिनिधि भागीरथ तेतरवाल ने कहा कि शैक्षिक क्षेत्र में उन्नयन का कार्य करने के लिए और अधिक सक्रियता एवं मनोयोग से कार्य करने की आवश्यकता है जिस पर शिक्षकों को अग्ररणीय होकर कार्य करना होगा तभी विद्यार्थियों की दशा एवं दिशा को बना सकेगा।
विशिष्ठ अतिथि संरपंच केप्टन मोहनलाल गोदारा ने शिक्षा के उद्देश्य को प्राप्त करवाकर समाज को दिशा प्रदान करवाने वाला ही शिक्षक कहलाने के योग्य है।
इससे पूर्व संगठन के संस्थापक सदस्य स्व जयदेव पाठक जन्म शताब्दी अवसर के प्रथम सत्र में मुख्य वक्ता श्रीमती सुनीता विश्नोई ने अहिल्या बाई होलकर के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के साथ साथ उनके समाज एवं राष्ट्र के प्रति किये गये कार्यों से जुडे संस्मरणों को रखा। प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रदेश पर्यवेक्षक नरेश सोलकी ने की तथा संचालन जिला मंत्री श्रीमती चन्द्रकला आचार्य ने किया।
कार्यक्रम में तीसरे सत्र में सेवानिवृत शिक्षकों का सम्मान समारोह रखा गया जिसमें 22 शिक्षकों का सम्मान एवं अभिनन्दन किया गया।
कार्यक्रम के चतुर्थ सत्र में प्रदेश महासमिति, जिला महासमिति जिला एवं उपशाखा पदाधिकारियों की सयुक्त बैठक रखी गयी जिसमें विभिन्न शिक्षक समस्याओं के साथ शिक्षा क्षेत्र में नवाचार करने संगठन के विभिन्न आयामों को पूर्ण करने का संकल्प लिया गया।
कार्यक्रम में मोडायत संरपच ओमप्रकाश खीचड, रामजरा भादू, पूर्व सरंपच, धनश्याम मादू कृषि मण्डी सचिव, मदनसिंह
भाटी पंचायत समिति सदस्य, जिलाध्यक्ष मोहनलाल मादू, सम्मेलन संयोजक गोर्वधनराम, सहसंयोजक मगनसिंह सोढा, मंडल सयुक्त मंत्री ओमप्रकाश भादू, महावीर धतरवाल, अनिल सोनी जगदीश मंडा, विकास पंवार, दिनेश आचार्य, राजेन्द्र व्यास, श्रीराम खिलेरी, अलसीराम विश्नोई, पुनमचन्द विश्नोई नरसिंह सोढा आदि शिक्षक नेताओं ने भी अपने विचार रखे।