148 मरीजों को मिला  प्राकृतिक चिकित्सा का लाभ  

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टुडे राजस्थान न्यूज़ अज़ीज़ भुट्टा )

7 वे  राष्ट्रीय नेचुरोपैथी दिवस पर  लगा  प्राकृतिक चिकित्सा  शिविर

बीकानेर, 18 नवंबर। राजकीय आयुर्वेद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा  महाविद्यालय,  योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अनुसंधान केंद्र बीकानेर में  7 वे  राष्ट्रीय  नेचुरोपैथी दिवस के  अवसर  पर  एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा शिविर  लगाया  गया ।
 शिविर  प्रभारी योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा  विशेषज्ञ  डॉ संतोष शेषमा  ने  बताया  कि  आमजन  को  प्राकृतिक  चिकित्सा पद्धति द्वारा  स्वास्थ्य  लाभ  पहुंचाने  के  लिए शिविर  में  आए मरीजों  का विभिन्न  प्राकृतिक चिकित्सा  उपक्रम  मिट्टी-पट्टी चिकित्सा,  जल  चिकित्सा,  शंख  प्रक्षालन,  त्राटक,जलनेति ,सूत्रनेति, कुन्जल, फिजियो थिरेपी, आदि  विधियों  से  उपचार  किया  गया।

शिविर  मे विभिन्न प्राकृतिक चिकित्सा उपक्रमों  की  प्रदर्शनी  लगायी  गयी जिसमें  आमजन  के  अलावा  HSR विधा  निकेतन  स्कूल,  व्यास पब्लिक स्कूल एवं अरुणोदय विधा मंदिर  उच्च माध्यमिक विद्यालय  के  विद्यार्थियों  ने  विजिट  किया  जिन्हें प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति  से  अवगत  करवाते  हुए ।
स्वास्थ्य  वर्धक  हर्बल पेय सहजन, हुन्जा, लेमन ग्रास  तथा एलोवेरा ज्यूस, व्हीट  ग्रास ज्यूस,  अंकुरित अन्न आदि   वितरित  किए ।
स्वस्थवृत्त  विभाग  के  असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ  सुखराम  कड़वा  ने भी शिविर  मे पहुचे  मरीजों  को परामर्श  दिया तथा स्वस्थ  दिनचर्या  एवं  संतुलित  आहार विहार  अपनाने  के  किए  प्रेरित  किया।


इससे  पूर्व   शिविर  का  शुभारंभ  प्रात: 9 बजे डॉ  पंकज मारोलिया  प्राचार्य आयुर्वेद योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा महाविद्यालय , डॉ  घनश्याम रामावत अतरिक्त निदेशक  आयुर्वेद  , डॉ  ज्योति चावला उपाधीक्षक ए श्रेणी चिकित्सालय बीकानेर,  डॉ प्रभुदयाल जाट  उपनिदेशक आयुर्वेद बीकानेर  द्वारा  बड़ी  संख्या  में आमजन एवं    चिकित्सकों,  नर्सिंग  स्टाफ  की उपस्थिति  में  किया  गया।


  प्राचार्य डॉ  मारोलिया  ने  प्राकृतिक  चिकित्सा  विज्ञान  को  प्रकृति  की  देन  बताते  हुए आहार -विहार  को  स्वास्थ्य  की  कुंजी  बताया |
अतिरिक्त  निदेशक   डॉ  रामावत ने  प्राकृतिक  चिकित्सा  पद्धति को जीवन शैली जनित व्याधियों में अत्यंत कारगर  बताया  एवं  आमजन  को  आयुर्वेद,  योग , प्राकृतिक चिकित्सा   आदि  आयुष  चिकित्सा  पद्धतियों  से   जुड़ने  के  लिए  प्रेरित  किया।


 उपनिदेशक  डॉ  प्रभुदयाल  ने योग, प्राकृतिक चिकित्सा एवं  आयुर्वेद  को  अंतर्संबंध  बताते  हुए   कहा  कि आज  के परिपेक्ष्य  में  बिना  आयुष  के  संपूर्ण  स्वास्थ्य  की  कल्पना  ही नहीं  की  जा सकती।
उपाधीक्षक  डॉ ज्योति चावला ने  समय  समय  पर  शिविर  लगाकर  आमजन  में  आयुष  चिकित्सा पद्धति  के  बारे  मे  जागरुकता  बढ़ाने  की  बात  कही।
शिविर  में  नर्सिंग  कर्मी  राम प्रजापत, परिचारक राजेंद्र एवं  महाविद्यालय  के  छात्र छात्राओं  का  विशेष  सहयोग  रहा।