जनउत्थान के लिए आचार्य तुलसी ने ‘‘अणुव्रत आंदोलन ‘‘का सुत्रपात किया- मुनिश्री कमल कुमार

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टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )

जनउत्थान के लिए आचार्य तुलसी ने ‘‘अणुव्रत आंदोलन ‘‘का सुत्रपात किया
उग्र विहारी तपोमूर्ति मुनिश्री कमल कुमार जी

बीकानेर, 14 जून। गणाधिपति गुरूदेव तुलसी के 29 वें महाप्रयाण दिवस के अवसर पर ‘‘श्रद्धार्पण समारोह‘‘का आयोजन आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान के तत्वावधान में नैतिकता के शक्तिपीठ पर ‘‘उग्रविहारी तपोमूर्ति‘‘ मुनिश्री कमलकुमार जी के सान्निध्य में किया गया । इस अवसर पर गंगाशहर,बीकानेर,भीनासर क्षेत्र में विराजित सभी अग्रगण्य मुनि एवं साध्वीवृंद क्रमशः मुनि श्री श्रेयांस कुमार जी, ‘‘शासनश्री‘‘ साध्वीश्री बसंतप्रभाजी, ‘‘शासनश्री‘‘ साध्वीश्री शशिरेखाजी, ‘‘शासनश्री‘‘ साध्वीश्री कुन्थुश्रीजी,साध्वीश्री विशदप्रज्ञा जी, साध्वीश्री लब्धियशाजी की पावन सन्निधि रही।

इस अवसर पर सुरतगढ,लुणकरणसर,श्रीगंगानगर, छापर,श्रीडँूगरगढ,राजेरा, देशनोक, जोरावरपुरा, नोखा, बिदासर, नाल, उदासर,रतनगढ़,कोटा,सुरत,अहमदाबाद,मुंबई, दिल्ली,पंजाब और पुरे देशभर से श्रद्धालु श्रावक श्राविका बड़ी संख्या में पधारें और सभी ने आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठाान के सप्त दिवसीय आयोजन एवं अभिनव प्रयास,व्यवस्था संचालन की सकरात्मक प्रतिक्रिया दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री अविनाशजी गहलोत एवं खाजुवाला विधायक डॉ.विश्वनाथ जी मेघवाल थे।

अध्यक्ष गणेश बोथरा ने बताया कि मुनिश्री कमलकुमारजी ने अपने मंगल उद्बोधन में गुरूदेव तुलसी के प्रति अपनी श्रद्धाभिव्यक्ति करते हुए कहा कि अणुव्रत अनुशास्ता आचार्य श्री तुलसी ने असप्रंदायिक धर्म की व्याखा करते हुए।


जन उत्थान के लिए ‘‘ अणुव्रत आंदोलन‘‘ का सूत्रपात किया । दिल्ली के चांदनी चौक में अणुव्रत का भव्य कार्यक्रम हुआ,जिसे पढ़कर सुनकर देश के प्रथम राष्ट्रपति माननीय डॉ.राजेन्द्र प्रसाद जी प्रभावित हुवे एवं गुरूदेव तुलसी को निवेदन करने लगे कि प्रथम बार यह प्रेरणा सुन रहा हुँ कि गं्थ को मानो,किसी पंथ को मानो,किसी संत को मानो पर ‘‘नैतिकता‘‘ को अपनाने का प्रयास करो।
नैतिकता के बिना मानव मात्र आकार है। नैतिक व्यक्ति धरती का श्रंृगार है। राष्ट्रपति जी ने कहा कि आप पंडित नेहरू से संपर्क कीजिए। यह आंदोलन पंडित जी को बहुत पंसद आयेगा, वे इसमें आपका सहयोग करेंगें जिससे यह विश्वव्यापी बन जायेगा।
गुंरूदेव ने फरमाय कि पंडित जी से हमारा कोई, सम्पर्क नहीं है, ओर सुना भी है कि पंडित जी धर्म को कम मानते है,परन्तु माननीय राष्ट्रपति से कहा कि पंडित जी से मैं सम्पर्क करता हँू। राष्ट्रपति महोदय का पत्र पहुँचते ही पंडित जी ने गुरूदेव से सम्पर्क किया। गुरूदेव का प्रधानमंत्री निवास पर पधारना हुआ। तब से राजनेता इस अणुव्रत के आंदोलन में बढ-चढ कर भाग लेने लगे। गुरूदेव तुलसी विद्धान, धनवान,बलवान का नहीं इन्सान का निर्माण करते थे। इसंान के निर्माण के बिना,सबकुछ गौण है। मुनिश्री ने भक्तिगीत का संगान किया, जिससे सभी मंत्रमुग्ध हो गये। ‘‘

मंत्री दीपक आंचलिया ने बताया कि ‘‘शासनश्री‘‘ साध्वीश्री बसंतप्रभाजी ने कहा कि गुरूदेव तुलसी ने तेरापंथ धर्म संघ को असीम ऊँचाईयां दी। ‘‘शासनश्री‘‘ साध्वीश्री शशिरेखाजी ने कहा कि गुरूदेव तुलसी युगदृष्टा थे,उन्होनंे अपने अवदानों से युगीन समस्याओं का समाधान दिया।
‘‘शासनश्री‘‘ साध्वीश्री कुन्थुश्रीजी ने अपनी भावाभिव्यकित मंे कहा कि अणुव्रत एकमात्र ऐसी चाबी है जिससे विश्व की हर समस्या रूपी ताले को खोला जा सकता है।
उपाध्यक्ष किशन बैद ने बताया कि साध्वीश्री विशदप्रज्ञाजी ने भावांजलि व्यक्त करते हुए कहा की गुरूदेव तुलसी ने संघ को संगठनात्मक रूप में सशक्त किया, यह मंच तेरापंथ की विचारधारा को प्रस्तुत करने और संस्कार निर्माण का माध्यम है।, साध्वीश्री लब्धियशाजी ने अपनी अभिव्यक्ति में कहा कि गुरूदेव तुलसी ने हर जन को यह मंत्र दिया की संगठन,संकल्प,समर्पण और प्रबल पुरूषार्थ से हर स्वपन साकार हो सकता है।
कोषाध्यक्ष भैरूदान सेठिया ने बताया कि ‘‘साध्वीश्री संकल्पश्रीजी ने अपने औजस्वी व्यक्तव्य में कहा की गुरूदेव तुलसी असंप्रदायिकता,जैन एकता,महिला उत्थान, गहन शिक्षण,मजबूत संगठन, नैतिक और चारित्रिक उन्ययन के पक्षधर थे।उनके अवदान इसी मंजिल के मार्ग को प्रशस्त करते है। साध्वीश्री करूणा प्रभाजी,साध्वी श्री रोहितयशाजी एवं साध्वीवृंद ने सामूहिक गीतिका का संगान किया।
मुख्य अतिथि कैबिनेट मंत्री अविनाश जी गहलोत ने अपने व्यक्तिव्य में आचार्य तुलसी,आचार्य महाप्रज्ञ को स्मृत किया एवं आचार्य महाश्रमण जी को भाव वंदना अर्पित की उन्होनंे कहा की गुरूदेव तुलसी के अवदान और संदेश पर चलने की जरूरत है आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान उनके अवदानों को आगे बढानें का कार्य कर रहा है। प्रतिष्ठान की टीम साधुवाद की पात्र है।
इस दौरान अध्यक्ष गणेश जी बोथरा , मुख्य न्यासी महावीर जी रांका, मंत्री दीपक जी आंचलिया ने मुख्य अतिथिगण का पताका पहनाकर एवं साहित्य भेंट कर सम्मान किया । अध्यक्ष गणेश जी बोथरा ने चारित्र आत्माओं के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने हुए सभी संभा संस्थाओं,आगन्तुकों,सम्पूर्ण श्रावक समाज एवं सम्पूर्ण टीम का आभार ज्ञापित किया।
मुनिश्री कमल कुमार जी की प्रेरणा से तप-जप स्वाध्याय का लगा ठाठ:-
गुरूदेव तुलसी के 29 वें महाप्रयाण दिवस के उपलक्ष में मुनि श्री कमल कुमार जी की प्रेरणा से श्रावक समाज में गुरूदेव को सच्ची भावंाजलि अर्पित करने हेतु तप-जप और स्वध्याय का का पूरा ठाठ है। सामायिक जप,क्षमा,मौन,तपस्या,एकासन की सतरंगी के साथ-साथ नवकारसी सप्त दिवसीय रात्रि भोजन परिहार आदि का क्रम पुरे जोर पर है । विराजित सभी साधु साध्वीवृंद ने श्रावक समाज को जागरूक करने हेतु अथक परिश्रम किया ।

आज शाम गुरूदेव तुलसी के नाम
आज शाम गुरूदेव को समर्पित भक्ति संध्या का आयोजन ‘‘नैतिकता के शक्ति पीठ‘‘ के परिपार्श्व में अणुव्रत मंच पर होगा। मुनिश्री कमलकुमारजी की सान्न्धिि में देश के ख्यात नाम गायक कलाकारः-कमल सेठिया,डाकलिया बंधु,राजेन्द्र बोथरा,अभिलाषा बांठिया अपनी प्रस्तुतियां देंग,े इसमंे तुलसी आइडल 2025 के टॉप -3 मधुगंग (लुणकरनसर ),श्रुति चपलोत (सुरत ),कानव पगारिया (कोल्हापुर) भी अपनी प्रस्तुतियां देगंे। इस समारोह में राजनैतिक,सामाजिक एवं हर क्षेत्र के गणमान्य जन शिरकत करेंगे।
आयुर्वेद ओर साहित्य संवर्द्धन
आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान और जैन विश्व भारती लाडनुँ के संयुक्त तत्वाधान में दिनांक:- 12 जून से 14 जून 2025 त्रि-दिवसीय स्टाल का संचालन शक्ति पीठ परिसर में हुआ। विश्व भारती की सेवाभावी आर्युवेद उत्पाद जो शुद्धता और प्रमाणीकता के लिए विख्यात है उसका आम व्यक्ति में अच्छा रूझान रहा। आमजन को सद् साहित्य से जोड़ने के लक्ष्य से जैन विश्व भारती लाडनूँ द्वारा प्रकाशित विभिन्न साहित्य के प्रति भी अच्छा उत्साह रहा। चिंतन के अनुरूप अच्छे परिणाम से प्रतिष्ठान और विश्व भारती की टीम इसे आगामी लक्ष्य के रूप में भी गतिमान करेगी।

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