जयपुर 6 जनवरी।. राजस्थान में कोरोना (Corona) के बिगड़े हालात के बीच गहलोत सरकार की फिलहाल कक्षा 9 से 12 वीं तक की कक्षाओं को बंद करने की कोई योजना नहीं है. शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि सरकार ने पेरेंटस को ऑफलाइन के साथ ऑनलाइन का विकल्प दे रखा है. ये अभिभावकों पर निर्भर करता है कि वो किस विकल्प को चुनते हैं. सरकार स्कूलों में पूरी तरह से कोरोना गाइडलाइन की पालना करवा रही है. फिर भी अगर किसी स्कूल में एक भी बच्चा पॉजीटिव आता है तो सरकार स्कूल को 14 दिन के लिये बंद कर देगी.शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि जो बच्चे स्कूल जा रहे हैं वहां कोरोना गाइडलाइन की पूरी पालना हो रही है. सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन किया जा रहा है. छात्र छात्राओं के साथ पूरा स्कूल स्टाफ मास्क पहन रहा है. सेनेटाइजर का इस्तेमाल कर रहे हैं. असेम्बली नहीं हो रही है. बच्चों के लंच में एक साथ बैठने पर रोक लगाई हुई है.
सरकार ठोस कदम उठाने से नहीं हिचकेगी
जयपुर और जोधपुर में पहली से आठवीं तक की स्कूल बंद हैं. अन्य जगहों पर जिला कलेक्टर को पावर दे रखे हैं. खतरा हमारे ध्यान में है. अभिभावकों की मांग है कि स्कूल चलनी चाहिए. इसलिए स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग मिलकर फैसले ले रहे हैं. हालात के मुताबिक फैसले लेंगे. ठोस कदम उठाने से सरकार नहीं हिचकेगी.
केन्द्र ने बच्चों के टीकाकरण में देरी की
शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने बच्चों के टीकाकरण को लेकर केन्द्र सरकार पर हमला बोला. कल्ला ने आरोप लगाया कि बच्चों का टीकाकरण बहुत देरी से हो रहा है. इसके लिए केन्द्र सरकार दोषी है. ये टीके पहले ही लग जाने चाहिए थे. अब भी 15 से 18 साल के बच्चों को ही टीका लग रहा है. छोटे बच्चों को टीके क्यों नहीं लग रहे हैं. हम पूरी सावधानी बरत रहे हैं. रोजाना मॉनिटरिंग कर रहे हैं. मुख्यमंत्री गहलोत रोजाना फीडबैक ले रहे हैं.
गुलाबचंद कटारिया ने किया लॉकडाउन का समर्थन
दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कोरोना ब्लास्ट पर गहरी चिंता जताई. उन्होंने कहा जिन बच्चों को टीके नहीं लगे हैं उनको स्कूल नहीं बुलाया जाना चाहिए. बकौल कटारिया स्कूल चलाकर संकट मोल लेने से सरकार को बचना चाहिए. शादी ब्याह और अन्य कार्यक्रमों पर जुटने वाली भीड़ पर पाबंदी लगानी होगी. जरूरत पड़ने पर सरकार लॉकडाउन लगाने से भी न हिचके. तभी कोरोना के खतरे को कम किया जा सकता है.