बीकानेर, 11 जनवरी । आज राजस्थान हाई कोर्ट ने डेयरी फार्म व गौशालाओं की स्थापना एवं संचालन के लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल के सम्मति लेने की अनिवार्यता को लागू करने को चुनौती देने वाली जनहित याचिका गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय जोधपुर में दायर की गई ।
इस याचिका पर संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है, मुख्य न्यायधीश अकील कुरैशी तथा न्यायधीश रामेश्वर व्यास की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान की ओर से अधिवक्ता मोती सिंह ने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण मंडल व नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के समक्ष डेयरी फार्म एवं गौशालाओं की स्थापना के लिए स्थापना एवं संचालन के लिए गाइडलाइन पेश करने के बाद उसे 23 जुलाई 2021 से लागू कर दिया ।इसके तहत डेयरी फार्म व गौशालाओं को जल एवं वायु अधिनियम के तहत स्थापना एवं संचालन की अनुमति लेनी होगी, उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग ने सभी गौशालाओं को निर्देश जारी किए हैं,जबकि केंद्रीय प्रदूषण मंडल ने ऐसी गाइडलाइन तैयार करने से पहले किसी तरह की अध्ययन या सर्वे नहीं किया । इसे लागू करने से गौशालाओ के संचालन करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा जो सरासर, दान पर कार्य करने वाली संस्थाओं के विरुद्ध कार्य है। माननीय न्यायालय ने संबंधित विभागों से जवाब मांगा है। गौ ग्राम सेवा संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना ने कहा कि माननीय उच्च न्यायालय ने गौशालाओं की पीड़ा को समझा है और सरकार के इन दोनों विभागों से जवाब मांगा है, ताकि गौशाला के सुव्यवस्थित संचालन में किसी तरह की कोई कठिनाई ना आपाए।