बीकानेर, 02 फरवरी । आज जब पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हो रही है और लोग हरियाली को लोग तरस रहे हैं। जंगल धीरे-धीरे खत्म होते जा रहे हैं, बड़े शहरों में तो हालात यह है कि पौधे लगाने के लिए जगह तलाश करनी पड़ती है। ऐसे दौर में प्रकृति से प्रेम रखने वाले भी बहुत लोग हैं जो समय-समय पर पौधे लगाकर अपने आसपास का स्थान हरियाला करने में लगे हैं तो कोई सार्वजनिक स्थान को भी अच्छा बनाने में लगे हैं। उसमें ही एक नाम हैं राजस्थान के जोधपुर निवासी अनोप भाम्बु का जिनमें प्रकृति प्रेम का अनूठा जज्बा है । पर्यावरण एवं हरियाली से उन्हें इतना लगाव है कि वे जहां भी पौधों को लगाने के लिए जगह देखते हैं वहां पौधे लगाने की ठान लेते हैं। अब तक उन्होंने विद्यालय, गांव, मंदिर, घर-घर विभिन्न प्रजाति के छायादार, फूलदार और औषधीय प्रकृति के सैकड़ों पौधे लगा चुके हैं।भाम्बु ने बताया कि गांवों में कई जगह मैंने पौधे लगाए। वे आज बड़े हो चुके हैं। पौधों को बड़े होते देखकर खुशी होती है। पौधों की देखरेख करने के लिए पेड़ मित्र बनाकर संरक्षण एव संवर्धन का दायित्व सौंपने का कार्य भी किया जा रहा है। मेहमान बनकर कहीं जाना है तो भी पौधे साथ ले जाते है और रोपण करवाकर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रेरित और जागरूक करते हैं।पर्यावरण प्रेमी भाम्बु का कहना है कि पदश्री हिमताराम भाम्बु व पर्यावरणविद श्याम सुंदर ज्याणी उनके प्रेरणा स्रोत हैं। पर्यावरण संरक्षण का कार्य दोनों की प्रेरणा से ही संभव हो रहा है। इस कार्य के लिए उन्हें कई पुुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। प्रकृति प्रेमी होने से वे लोगों के बीच पर्यावरण प्रेमी, वृक्ष मित्र के रूप में पहचाने जाते हैं।