महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर का षष्ठ दीक्षान्त समारोह दिनांक 20 फरवरी, 2022 को मध्याह्न 12ः00 बजे श्री कलराज मिश्र, माननीय राज्यपाल, राजस्थान एवं कुलाधिपति महोदय की अध्यक्षता में ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुआ।
दीक्षान्त समारोह में परीक्षा 2019 की 1.05 लाख उपाधियों एवं 06 संकायों के 55 शोधार्थियों को विद्या वाचस्पति (पीएच.डी.) की उपाधियां प्रदान की गई।
दीक्षान्त समारोह में माननीय राज्यपाल महोदय की अनुमति से विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने राजकीय लोहिया महाविद्यालय, चूरू की छात्रा सुश्री गुंजन तोदी को कुलाधिपति पदक, श्री जैन कन्या पी.जी. महाविद्यालय, बीकानेर की छात्रा, सुश्री मोनारानी मुंजाल को कुलपति पदक, स्नातक वाणिज्य में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाली बिनानी कन्या महाविद्यालय, बीकानेर की छात्रा सुश्री साक्षी पुरी को आई.सी.एस.आई. अवार्ड प्रदान किया। परीक्षा 2019 में स्नातक एवं अधिस्नातक में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले 56 अभ्यर्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह व कुलसचिव यशपाल आहूजा ने दीप प्रज्जचल किया। राज्यपाल महोदय एवं कुलाधिपति श्री कलराज मिश्र ने संविधान की प्रस्तावना एवं अनुच्छेद-51 क में वर्णित मूल कत्र्तव्यों का वाचन किया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने स्वागत भाषण एवं विश्वविद्यालय प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कुलपति प्रो. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति - 2020 के क्रियान्वयन हेतु अपने पाठ्यक्रमों में बदलाव कर उन्हें नवीन स्वरूप प्रदान किया है। विश्वविद्यालय में एलओसी एफ लागू कर दिया गया है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को रोज़गारोन्मुखी बनाया गया हैं एवम् कई रोज़गारोन्मुखी सर्टिफिकेट एवम् डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को शुरू किया जाना प्रस्तावित है। पाठ्यचर्या में विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण पर बल दिया गया है। ‘‘वोकल फाॅर लोकल’’ को बढ़ावा देने हेतु विश्वविद्यालय द्वारा अपनी स्टार्ट अप एवम् इनोवेशन पाॅलिसी निर्मित की गई है। इसके क्रियान्वयन से स्थानीय जरूरतों को पूरा करने हेतु अन्वेषण पश्चात् स्टार्ट अप की स्थापना हो सकेगी। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों एवं संभावनाओं को दृष्टिगत रखतेे हुए, आगामी शैक्षणिक यात्रा को योजनाबद्ध करने के उद्देश्य से विश्वविद्यालय द्वारा विजन-2030 तैयार किया जा रहा है जिसके अन्तर्गत विश्वविद्यालय में स्टूडेन्ट सपोर्ट सिस्टम विकसित कर विद्यार्थी हित को प्राथमिकता प्रदान करना, विश्वविद्यालय में उपलब्ध खेलकूद सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए, स्कूल ऑफ़ स्पोट्र्स की स्थापना करना, विद्यार्थियों एवं जनमानस की सुविधा हेतु हैल्पलाइन एप विकसित करना, विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के संकाय सदस्यों का अभिविन्यास कार्यक्रम आयोजित करवाकर उन्हें प्रशिक्षित करना, विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार एवं भौगोलिक स्थितियों को देखते हुए डेज़र्ट स्टड़ीज पर शोध निर्देशित करना, क्षेत्रीय एवं सामाजिक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम एवं शोध कार्य को प्राथमिकता देना, विभागों में शिक्षण सहयोगी प्रणाली विकसित करना, सेन्टर फाॅर एक्सीलेन्स को स्थापित करना आदि सम्मिलित है।
माननीय राज्यपाल महोदय कीे अनुमति से कुलपति द्वारा उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को दीक्षान्त मंत्र के द्वारा दीक्षा प्रदान की गई। कार्यक्रम में माननीय राज्यपाल महोदय द्वारा विश्वविद्यालय स्मारिका दीक्षा का विमोचन किया।
अध्यक्षीय एवं दीक्षान्त उद्बोधन में माननीय राज्यपाल कुलाधिपति महोदय ने कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देकर ही वास्तविक रुप से समाज का सर्वांगीण विकास किया जा सकता है। लड़कियों को शिक्षा के बेहतर अवसर मिलें तो वे भी आसमान छू सकती हैं। राज्यपाल ने दीक्षांत दिवस को विद्यार्थी जीवन का महत्वपूर्ण पड़ाव बताया और उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थी अपने ज्ञान का उपयोग स्वनिर्माण के साथ.साथ समाज और राष्ट्र के उत्थान में करें। उन्होंने बीकानेर को अपनत्व का शहर बताया तथा कहा कि राव बीका का बसाया यह शहर कला वह संस्कृति का संरक्षक और संवाहक है। उन्होंने महाराजा गंगा सिंह को दूरदर्शी बताया और कहा कि उन्होंने बीकानेर को आधुनिकता से जोड़ा। गंगनहर बीकानेर के लिए उनकी बड़ी देन थी। राज्यपाल श्री मिलने कहा कि बीकानेर की परंपराएं अनूठी हैं। उन्होंने साहित्यकार स्वण् छगन मोहताए हरीश भादानी तथा यादवेंद्र शर्मा चंद्र के साहित्यिक अवदान को याद किया। राज्यपाल ने कहा कि शिक्षा में आधुनिकीकरण जरुरी है।
विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए। शिक्षा ऐसी हो जिसका उपयोग मानवता के कल्याण के लिए किया जाए और विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास भी हो। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा अनुसंधान कार्यों पर जोर देने का आह्वान किया। साथ ही स्थानीय ज्ञान और परंपराओं को आगे बढ़ाने की आवश्यकता जताई। राज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी का दौर पूरी मानवता के लिए कष्टदाई था। इस दौरान सब कुछ रुक गया। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इस चुनौतीपूर्ण तो में भी महाराजा गंगा सिंह विश्वविद्यालय द्वारा वर्चुअल माध्यम से शैक्षणिक गतिविधियां जारी रखी गई तथा विश्वविद्यालय द्वारा स्मार्ट क्लासेज विकसित किए गए। उन्होंने विश्वास जताया कि विश्वविद्यालय द्वारा भविष्य में भी शिक्षा की क्षेत्र में ऐसे नवाचार किए जाएंगेए जो विद्यार्थियों के लिए लाभदायक होंगे।
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री श्री राजेन्द्र सिंह यादव थे। विशिष्ट अतिथि के रूप नेल्सन इंस्टीट्यूट ऑफ एनवायरमेंटल स्टडीजए यूनिवर्सिटी ऑफ विंस्काॅसिन मेडिसन यूएसए के डाॅयरेक्टर प्रोण् पाॅल रोबिन्स थे।
दीक्षान्त समारोह में धन्यवाद भाषण कुलसचिव यशपाल आहूजा द्वारा दिया गया। समारोह में संकायाध्यक्ष प्रो. सुरेश कुमार अग्रवाल, डाॅ. जी.पी. सिंह, डाॅ. भगवानाराम विश्नोई, डाॅ. मीनू पूनिया, डाॅ. मीनाक्षी मिश्रा, प्रबन्ध बोर्ड एवं विद्या परिषद् में मनोनीत सदस्य डाॅ. एन.एस. बिस्सा, डाॅ. अनन्त जोशी, डाॅ. श्रवण सैनी, डाॅ. बी.एल. विश्नोई, प्रो. अनिल कुमार छंगाणी, प्रो. राजाराम चोयल सहित विश्वविद्यालय विद्या परिषद् के सदस्य उपास्थि रहे। आॅनलाइन कार्यक्रम के पश्चात् कुलपति महोदय द्वारा उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों को पदक एवं उपाधि प्रदान की गई।