बीकानेर 26 फरवरी। राजस्थानी मोट्यार परिषद की प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्यों ने जयपुर में आयोजित राजस्थानी संसद के बाद बीकानेर में प्रस्ताव पारित कर उसकी अनुपालना में कहा कि केंद्र सरकार में अर्जुनराम मेघवाल और राज्य सरकार में मंत्री डॉ बी. डी. कल्ला जैसे प्रभावी जनप्रतिनिधि होने के बावजूद 8 करोड़ लोगों की भाषा राजस्थानी को उसका सम्मान नहीं मिल रहा है । दोनों सरकारें एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंक रही है। जबकि राजभाषा बनाना राज्य का विषय है। एवं उसे आठवीं अनुसूची में लागू करना केंद्र का विषय है। परिषद के संरक्षक मनोजकुमार स्वामी ने कहा कि जनता से छलावा करने वाले राजनेताओं का मोटियार परिषद पूरे प्रदेश में विरोध करेगी । जिसमें वे जनता से चुनावी वादे करके आते हैं और राजनैतिक पद मिलते ही भूल जाते है।राज्य की शिक्षण व्यवस्था में लागू की जाए राजस्थानी:-राजस्थानी संसद में पारित प्रस्ताव के अनुपालन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पालना करते हुए राज्य सरकार प्राथमिक शिक्षा में बच्चों का पाठ्यक्रम राजस्थानी में तैयार करें और कक्षा 6 से 10 तक इसे शिक्षण का माध्यम बनाएं इसी मांग को लेकर प्रतिनिधिमंडल ने अतिरिक्त निदेशक शिक्षा माध्यमिक के कार्यालय में बैठकर रचना भाटिया को अपना ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में राजेश चौधरी , प्रशान्त जैन , विनोद सारस्वत,भगवाना राम आदि मौजूद रहे।राजस्थानी भाषा साहित्य संस्कृति अकादमी करें राजस्थान दिवस पर राज्य स्तरीय आयोजन:- राजस्थानी भाषा साहित्य एंव संस्कृति अकादमी राजस्थान स्थापना दिवस पर राज्य स्तरीय आयोजन करे । इस मांग को लेकर डॉ गौरी शंकर प्रजापत, डॉ नमामी शंकर आचार्य आदि के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल अकादमी अध्यक्ष एवं संभागीय आयुक्त डॉ नीरज के पवन से भेंट की । उन्होंने कहा कि अकादमी साहित्यिक गतिविधियों के साथ शैक्षिक परिसंवाद और साहित्यकारों के साथ चर्चा करते हुए मानक स्वरूप की कार्यशाला आयोजित करे । जिसमें मोटियार परिषद सदैव साथ रहेगा । रामावतार उपाध्याय के नेतृत्व में भवानी सिंह एवं आदि छात्रों ने कन्या महाविद्यालय प्राचार्य से भेंट कर अति शीघ्र राजस्थानी भाषा का प्रस्ताव राज्य सरकार को भिजवाने के लिए कहा । जिस पर पुराने प्रस्ताव को निकाल पुनः राज्य सरकार के समय के साथ कन्या महाविद्यालय में राजस्थानी विषय खोलने के लिए स्मरण पत्र भेजा गया है । बीकानेर मैं विभिन्न दलों संगठन के पदाधिकारियों और साहित्यकारों से वार्ता के दौरान राजस्थानी मोट्यार परिषद के संस्थापक एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर शिवदान सिंह जोलावास उपस्थित रहे।