पेंशनर्स/फैंमिली पेंशनर्स को जारी होगी आरजीएचएस मेंडिकल डायरी
एवं पेंशनर्स/कार्मिक स्वेच्छा से ले सकते है ब्रांडेड दवाईया
बीकानेर 26 फरवरी। राजकीय विधि पीजी महाविद्यालय, बीकानेर की विधि छात्रा नीतु जैन द्वारा दर्ज परिवाद पर राज्य सरकार ने निर्णय जारी करते हुए बताया कि पेंशनर्स/फैंमिली पेंशनर्स को आरजीएचएस मेंडिकल डायरी एवं पेंशनर्स/कार्मिक स्वेच्छा से ले सकते है ब्रांडेड दवाईया।गौरतलब हैं कि आरजीएचएस स्कीम में राज्य कर्मियों एवं पेंशनर्स को हो रही समस्याओ के बारे में नीतु एस जैन विधि छात्रा राजकीय पीजी लॉ कॉलेज, बीकानेर द्वारा मुख्यमंत्री महोदय को अवगत कराया था राज्य सरकार द्वारा पेंशनर्स की मेंडिकल डायरी व्यवस्था समाप्त करने के कारण परेशानी का सामना करना पड रहा है। पेंशनर्स की पुरी मेडिकल हिस्ट्री उक्त डायरी में अंकित रहती थी तथा डायरी के कारण पेंशनर्स को अलग-अलग रुके भी संभाल कर नही रखने पडते थे ।
अधिकतर पेंषनर्स वयोवृद्व है उनकी उम्र 60 से 80 वर्ष की है इस संमय यादास्त पर भी एज फैक्टर काम करता है तो डाक्टर के अलग-अलग रुको को संभाल कर रखना बहुत मुष्किल है जबकि पेंषनर्स डायरी को संभाल कर रखते है तथा डाक्टर अन्य डाक्टर भी इस डायरी मंे अंकित रिकॉर्ड से ही बिमारी की हिस्ट्री देख सकते है थे ।आरजीएचएस लाभार्थी बिना एनएसी के भी कॉनॅफेड/अनुमोदित निजी फॉर्मा स्टार से निर्बाधरुप से दवा प्राप्त कर सकते है।
यह भी स्पष्ट किया गया हैं कि राजकीय / अनुमोदित चिकित्सालय के चिकित्सक द्वारा साल्ट/ब्रांड के नाम पर लिखवाई जा रही है।
यदि दवा साल्ट के रुप में लिखी गई है तो अनुमोदित फॉर्मा स्टोर द्वारा एथिकल दवाईयों पर 10 प्रतिशत डिस्कांउट तथा जेनेरिक दवाईयों पर 30 प्रतिशत डिस्काउंट देय है। पेंशनर्स एव कार्मिको को चिकित्सक द्वारा साल्ट के रुप में दवा लिखी गई है तो आरजीएचएस लाभार्थी द्वारा अपने अनुसार स्वेच्छा से जेनेरिक अथवा ब्रांडेड दवा ली जा सकती है।
विधि छात्रा नीतु जैन को संयुक्त परियोजना निदेशक, आरजीएचएस, जयपुर द्वारा अवगत करा कर स्पष्ठ कर दिया गया हैं कि डाक्टर साल्ट में दवा लिखी होने के बावजुद भी पेंशनर्स/राज्य कर्मी स्वय मर्जी से ब्रांडेड दवा ले सकते है। मेंडिकल स्टोर मनमानी से आरजीएचएस कार्ड धारक पेंशनर्स/राज्य कर्मी को ब्रांडेड दवा देने से इंकार नही कर सकते है।
नीतू जैन का कहना है की मेडिकल स्टोर अनावश्यक पेंशनर्स एवं राज्य कार्मिको को दवा नहीं देकर नियम विरुद्ध शर्ते बताते है प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल स्टोर कहते है की राज्य सरकार द्वारा दवाओ की सूचि दी हुई है वही दवा देंगे, ब्रांडेड दवाई देने का मना किया हुआ है कभी कहते है की जेनेरिक दवाई ही दी जाएगी l साथ ही मेडिकल स्टोर मनमर्जी से किसी को दवा देंगे किसी को देने से मना कर देंगे l जो की उचित नही है विधि छात्र द्वारा मेडिकल स्टोर्स के विरुद्ध भी शिकायत प्राप्त होने पर कार्यवाही करवा कर राज्य सरकार के नियमो अनुसार दवाई देने हेतु जल्द पाबंद करवाया जायेगाl
राज्य कार्मिक एवं पेंशनर्स की इस सम्बन्ध में कोई भी शिकायत हो, लोकल स्तर पर निस्तारित नही हो रही हो तो वे विधि छात्र को ईमेल [email protected] पर अवगत कर सकते है l