टुडे राजस्थान न्यूज़
बीकानेर/ जयपुर 2 दिसंबर । राजस्थान उर्दू अकादमी के सेकेट्ररी मोअज़्ज़म अली को आज अकादमी संकुल ,जयपुर में राजस्थान उर्दू अकादमी , राजस्थान ललित कला अकादमी, राजस्थान संस्कृत अकादमी ,राजस्थान ब्रज भाषा अकादमी, व जवहार कला केंद्र की तरफ से ग़मगीन माहौल मेंख़िराज़े-अक़ीदत (श्रद्धांजलि) दी गई।
राजस्थान उर्दू अकादमी के अध्यक्ष हुसैन रज़ा ख़ान ने मोअज़्ज़म को एक नेकदिल इंसान और बहतरीन दोस्त बताया । अकादमी के प्रोग्राम कितनी आसानी से कर जाते थे सब के साथ इंसाफ करने की कोशिश करते फिर उनकी ज़बान लडखडाने लगी । उपाध्यक्ष निसार राही साहब ने कहा मोअज़्ज़म साहब के साथ मेरा परिवारिक रिश्ता रहा है । हर उम्र के लोगो से उनकी दोस्ती थी ललित कला अकादमी के अध्यक्ष जनाब लक्षण व्यास साहब ने कहा मोअज़्ज़म साहब बहुत सुलझे हुए इंसान थे।
संस्कृत अकादमी की अध्यक्षा कोचर मेडम ने मोअज़्ज़म साहब को सरल सोभाव का नेक दिल इंसान बताया
अकादमी सदस्य और प्रोग्राम कनवीनर इरशाद अज़ीज़ ने कहा मोअज़्ज़म साहब बनना आसान नही होता ख़ुद को ख़र्च करना पडता है तब लोगों के दिलों में जगह बनती है ।
सब के पास मोअज़्ज़म साहब की बेशुमार यादें थी।
कुछ रोते हुए बडी मुश्किल से बोल पाए तो कुछ लोग चाहकर भी कुछ न बोल पाए उनकी आँखों से निकलते आंसू मोअज़्ज़म साहब की शख़्शियत को बयाँ कर रहे थे। एक शख़्स अपने हुस्ने-अख़्लाक से कैसे एक शख़्शियत बन जाता है ।
यारों के यार , उर्दू अदब के सिपाही रिश्तों को दिल से निबाहने वाले मह दर्द दोस्त ,मेरे करम फरमा मोहतरम मोअज़्जम अली साहब जिस्मानी तौर पर इस दुनिया-ए- फानी से कूच ज़रूर कर गए मगर वो उर्दू अदब के चाहाने वाले हज़ारों दर्दमंदो के दिल में आबाद रहेंगे ।