टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर, 24 जुलाई। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों को नशे से दंश से दूर रखने के उद्देश्य से विद्यालयों में हर महीने के पहले शनिवार को जागरूकता कार्यशालाएं आयोजित की जाएं।
जिला कलेक्टर ने बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में नार्को को-ऑर्डिनेशन समिति की बैठक में यह निर्देश दिए। उन्होंने जागरूकता कार्यक्रमों में शिक्षकों, चिकित्सकों व अन्य कार्मिकों को शामिल करने व विद्यार्थियों को नशे के दुष्प्रभावों की जानकारी देने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन से होने वाले लक्षणों एवं संकेतकों के बारे में शिक्षकों एवं अभिभावकों को अवगत करवाया जाए, जिससे बच्चों द्वारा नशा किए जाने की स्थिति में अभिभावकों को जानकारी रहे। उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए जागरूकता गतिविधियां आयोजित हों।उपखंड अधिकारियों को अपने ब्लॉक में संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल स्टोर्स में प्रतिबंधित और नशीली दवाओं का विक्रय ना हो, इसके मद्देनजर नियमित मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने औषधि निरीक्षक को मेडिकल स्टोर्स के स्टॉक निरीक्षण करने को कहा और कहा कि किसी प्रकार की अनियमितता मिले तो कार्रवाई की जाए। उन्होंने राजमार्गों पर ढाबों की नियमित रूप जांच करने को कहा और निर्देश दिए कि नशीले पदार्थ मिलने पर कार्रवाई की जाए।
जिला कलेक्टर ने सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग एवं श्रम विभाग को श्रमिकों को नशीले पदार्थों के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग संयुक्त निदेशक एलडी पवार ने बताया कि नशा निषेध जन जागरूकता पखवाड़ा कार्यक्रम के तहत जिले के अस्पतालों, कारागृह, छात्रावासों, विद्यालयों व अन्य संस्थानों में कार्यशाला, संवाद, रैली व नुक्कड़ नाटक जैसे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस दौरान अतिरिक्त जिला कलेक्टर (नगर) उम्मेद सिंह रतनू, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी लोकेश गुप्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।