प्रो. सिन्हा की स्मृति में बहरीन में हुई अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी
टुडे राजस्थान न्यूज़ (अज़ीज़ भुट्टा )
युग मनीषी आ. प्रो. हिम्मत सिंह सिन्हा की स्मृति में बहरीन में अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न
रिपोर्ट – कौसर भुट्टो
बहरीन/ बीकानेर, 21मई । हिम्मत सिंह जी की स्मृति में बहरीन में लोटस ब्लूम पब्लिकेशन, महिला काव्य मंच तथा ख्वाबगाह के संयुक्त तत्वावधान में एक साहित्यिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। । डॉ. हिम्मत सिंह जी अमरोहा उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे तथा दर्शनशास्त्र के प्रोफेसर के पद पर रहते हुए उन्होंने कुरुक्षेत्र में अपनी सेवाएं दी। उनकी लेखनी उर्दू अदब में गहरी संवेदनाओं, बौद्धिकता और सामाजिक दृष्टिकोण की मिसाल है।

वे एकांत साधक की तरह साहित्य-साधना करते रहे और बिना किसी प्रचार-प्रसार के उत्कृष्ट साहित्य की रचना करते रहे। कई महान कार्य करने वाले, अमूल्य साहित्य रचने वाले और बहुत सी प्रतिभाओं जीवन संवारने वाले आदरणीय हिम्मत सिंह जी 94 वर्ष तक की आयु में ब्रह्मलीन हो गए। हिम्मत सिंह जी के व्यक्तित्व और साहित्य से प्रभावित होकर शारजाह के कुलभूषण व्यास ने यह संकल्प लिया कि वे हिम्मत सिंह जी के साहित्य और उनके व्यक्तित्व को उनकी 100 वीं जन्मतिथि तक (2028 तक) दुनिया के 12 देश में लेकर जाएंगेl इसी संकल्प का तीसरा पड़ाव बहरीन थाl इससे पहले दो पड़ाव भारत और यूएई में हो चुके हैंl बहरीन की भूमि पर संपन्न हुए इस कार्यक्रम में हिम्मत सिंह जी के साहित्यिक योगदान को अंतरराष्ट्रीय धरातल पर नई ऊंचाइयां मिली। इस कार्यक्रम में यूएई,भारत तथा बहरीन के प्रतिष्ठित रचनाकारों तथा गणमान्य अतिथियों ने हिस्सा लिया।

बहरीन के होटल रमादा विंधम के सभागार में शाम 6:00 बजे यह कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ हिम्मत सिंह जी की तस्वीर के आगे दीप प्रज्वलित कर किया गयाl कार्यक्रम दो सत्रों में संपन्न हुआ।
पहले सत्र का संचालन महिला काव्य मंच दुबई इकाई की सचिव कौसर भुट्टो ने किया जिसमें हिम्मत सिंह जी के जीवन, साहित्य और उनके व्यक्तित्व पर केंद्रित प्रस्तुतियाँ दी गईं।
कार्यक्रम में सबसे पहले बहरीन स्थित भारतीय दूतावास के द्वितीय सचिव गिरीश पुजारी जी ने आ. हिम्मत सिंह जी के बारे में अपने विचार प्रकट किए। कार्यक्रम के आयोजक कुलभूषण व्यास जी तथा अनुराधा व्यास जी ने अतिथियों गिरीश पुजारी जी, रामेंद्र सिंह जी, स्नेहा देव जी तथा अनुपम रमेश किंगर जी का स्मृति चिन्ह तथा अपनी पुस्तक ‘सहज अभिव्यक्ति भाग-तीन’ देखकर सम्मानित किया। इसके पश्चात महिला काव्य मंच के संस्थापक आ. नरेश नाज गुप्ता का वीडियो साझा किया गया जिसमें उन्होंने हिम्मत सिंह जी की एक ग़ज़ल को तरन्नुम में प्रस्तुत किया। इसके बाद बहरीन निवासी गोपाल मिश्रा ने हिम्मत सिंह जी की एक और ग़ज़ल का पाठ किया, जिसकी सबने भरी-पूरी प्रशंसा की। इसके बाद कुलभूषण व्यास ने हिम्मत सिंह जी का परिचय दिया और दर्शकों को उनके बारे में जानने के लिए और उत्सुकता जगाई। विद्या भारती शिक्षण संस्थान, कुरुक्षेत्र के निदेशक तथा खास तौर से इस कार्यक्रम के लिए भारत से पधारे अतिथि आ. रामेंद्र सिंह ने अपने वक्तव्य में हिम्मत सिंह जी से जुड़े कई संस्मरण बताए जिससे उन के व्यक्तित्व के बारे में और जानकारी मिली। सब ने हिम्मत सिंह जी के बारे में बहुत ध्यानपूर्वक सुना। इसके बाद महिला काव्य मंच की विदेश उपाध्यक्ष श्रीमती स्नेह देव ने हिम्मत सिंह जी के कुछ वीडियो का सार बताया तथा यूट्यूब पर उपलब्ध वीडियो से उनके बारे में और जानने का आग्रह कियाl इसके बाद हिम्मत सिंह जी के वीडियो साझा किए गए, जिसमें पहला वीडियो सत्य के बारे में था, दूसरा वीडियो शिक्षा के बारे और तीसरे वीडियो में लिटिल फ्लॉवर स्कूल की डायरेक्टर डाॅ. मनीषा डागा, कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग अध्यक्ष डाॅ. लाल चंद मंगल, मस्कत से उद्यमी व पोएट्री एंड लिटरेरी ग्रुप के संस्थापक तुफैल अहमद ने हिम्मत सिंह जी के बारे में अपने विचार प्रकट किए l

आ. हिम्मत सिंह जी को कविताएं गीत, ग़ज़ल आदि बहुत पसंद थी इसलिए दूसरा सत्र इन्हीं विधाओं को समर्पित था। दूसरे सत्र का संचालन बहरीन की अनुपम रमेश किंगर जी ने किया। कार्यक्रम में सबसे पहले हिंदूस्तान मेरी जान की भावना से ओतप्रोत कविता गरिमा सूदन ने प्रस्तुत की और सब में देश प्रेम का जोश जगा दिया। इसी कड़ी में शिखा वर्मा ने एक दिन कविता से विशेष दिनों जैसे स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस आदि पर जगने वाली भावना को पूरे साल जिंदा रखने का आह्वान किया। इसके बाद कार्यक्रम की संचालक अनुपम ने भी इसी भावना को लेकर एक कविता कही और पूरे माहौल को देशभक्त प्रेम में रंग दिया। इसके बाद महिला काव्य मंच दुबई इकाई की सचिव कौसर भूट्टो ने अपनी ग़ज़ल “ग़ज़ल दर ग़ज़ल” से समा बांध दिया। कार्यक्रम में अंतिम प्रस्तुति महिला काव्य मंच इकाई की विदेश उपाध्यक्ष तथा दुबई से पधारी स्नेहा देव की थी, जिन्होंने “दृष्टा” शीर्षक से कविता का पाठ कर दशकों से खूब सराहना पाई।
कार्यक्रम का तकनीकी संचालन अनुराधा व्यास द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के अंत में कुलभूषण व्यास ने सभी अतिथियों, दर्शकों तथा बहरीन की सांस्कृतिक भूमि का आभार व्यक्त किया। गोष्ठी के पश्चात सबने सुस्वाद रात्रि भोज का आनंद लिया और इस प्रकार आ. हिम्मत सिंह जी के साहित्य और व्यक्तित्व को 12 देशों तक पहुंचाने के संकल्प का तीसरा कदम और आगे बढ़ा तथा बहरीन की पावन जमीन पर उर्दू और हिंदी साहित्य की इबारतें फिर से जीवित हो उठी। यह कार्यक्रम डॉ. हिम्मत सिंह जी के साहित्य और व्यक्तित्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव सिद्ध हुआ। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि एक साक्ष्य था कि साहित्य, सीमाओं से परे जाकर दिलों को जोड़ता है।

