बीकानेर, 09 अप्रैल। वेदों का सबसे अंतिम ग्रंथ वेदांग में भगवान आदि शंकराचार्य ने निरूपण किया है कि ये संसार मिथ्या है अंतिम सत्य केवल परमात्मा ही है, यह कथन ऋषिकेश से पधारे भागवत मर्मज्ञ ब्रह्मचारी शिवेंद्रस्वरूप महाराज ने कहा। वे शनिवार को पूगल रोड के मखनभोग भवन में श्रोताओं को कथा श्रवण कर रहे थे।
इससे पूर्व सुबह 11 बजे हनुमान मंदिर से भव्य कलश यात्रा गाजे बाजे से मखनभोग पहुंची रास्ते इन अनेक जगह पुष्प वर्षा से यात्रा का स्वागत हुआ।
कथा स्थल पहुंचने पर श्रीमद्भागवत महापुराण और कथा वाचक ब्रह्मचारी शिवेंद्रस्वरूप महाराज का पूजन अभिवंदन मुख्य यजमान रामचन्द्र भंवरलाल गोदारा ने किया।
व्यासपीठाधीश्वर ब्रह्मचारी शिवेंद्रस्वरूप ने बताया कि प्रतिदिन 12.15 से 4.15 बजे तक कथा फिर महाआरती होगी।
इस अवसर पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं आई भीड़ उमड़ी, महिलाएं केसरिया लाल पिले वस्त्रों में सिर पर कलश लिए चल रही थी, शोभायात्रा का नजारा बहुत मनमोहक हो गया।