बिना प्रभु कृपा के कथा सुनना सम्भव नही होता-शिवेंद्रस्वरूप
भगवत कृपा से ही कथा शृवन सम्भव: शिवेंद्रस्वरूप
बीकानेर, 11 अप्रैल। “तुलसी पापी पुरुष के हरि चर्चा न सुहाय, या ऊँघ या उठ चले या दे बात चलाय” यानी पापी पुरुष कथा में बैठते ही या तो निंद्रा लेने लगता है या उठकर चल देता है अथवा पास बैठे से गप करने का प्रयास करता है मतलब कथा श्रवण के लिए भी परमात्मा की कृपा होनी जरूरी है बिना प्रभु कृपा के कथा सुनना सम्भव नही होता।

पूगल रोड के माखन भोग में चल रही भागवत कथा में सोमवार को व्यास पीठासीन ब्रह्मचारी शिवेंद्रस्वरूप महाराज ने यह बात कही।
इससे पहले यजमान रामचन्द्र भंवरलाल गोदारा ने भागवत महापुराण और व्यासपीठ का पूजन अभिवंदन किया।
पंडित कन्हैयालाल पारीक व पंडित सुधांशु ने बताया कि प्रतिदिन 12.15 से 4.15 बजे तक कथा फिर महाआरती होगी।
इस अवसर पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कथा के बीच में भजनामृत वर्षा में गुरुजी के साथ स्वर मिलाकर श्राद्धालु धर्ममग्न हो गए।
