बीकानेर, 27 जून । वरिष्ठ व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा सामाजिक सरोकार के लेखक हैं । उनकी व्यंग्य रचनाओं में गहरी मानवीय संवेदना है । तीक्ष्ण प्रहार की जगह वे करुणा से ओतप्रोत सृजन करते हैं, इसलिए उनकी रचनाएं पाठकों की स्मृति में लंबे समय तक बनी रहती हैं । लखनऊ के प्रखर आलोचक – व्यंग्यकार राजेन्द्र वर्मा ने व्यंग्यधारा की ओर से व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा पर केंद्रित ऑनलाइन संगोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में ये विचार व्यक्त किये । इस संगोष्ठी में बुलाकी शर्मा ने मृत्यु पर मनन, पिता की फ्रेंड रिक्वेस्ट और कहने वालों का काम है कहना व्यंग्य रचनाओं का प्रभावी वाचन किया ।
संस्था प्रभारी जबलपुर से वरिष्ठ व्यंग्यकार रमेश सैनी ने आरंभ में बताया कि व्यंग्यधारा ने एकल व्यंग्य रचना पाठ श्रंखला के अंतर्गत साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत बुलाकी शर्मा पर केंद्रित कार्यक्रम रखा है । वे हिंदी और राजस्थानी दोनों भाषाओं में चार दशकों से सृजन कर रहे हैं । वे पाठकों के प्रिय लेखक हैं । दिल्ली से प्रसिद्ध आलोचक डॉ रमेश तिवारी ने कहा कि बुलाकी शर्मा के सृजन के माध्यम से हम उनके स्वभाव से परिचित हो सकते हैं । वे अपने स्वभाव के अनुरूप ईमानदारी से सृजन कर रहे हैं । शाहजहांपुर के अनूप शुक्ल ने ‘ मृत्यु पर मनन ‘ को सामाजिक ताने- बाने का चित्रण करती महत्त्वपूर्ण रचना बताते कहा कि उनका कहने का अंदाज रोचक है । उदयपुर की श्रीमती रेणु देवपुरा ने शर्मा की सुदीर्घ साहित्य साधना की सराहना की और कहा कि वे निरन्तर सृजनरत हैं । बीकानेर से आलोचक डॉ. नीरज दइया ने कहा कि आधुनिक समय के अनेकानेक बदलावों, विडम्बनाओं और त्रासदियों को कथात्मक शैली में प्रभावी तरह से अभिव्यक्त करना बुलाकी शर्मा की विशेषता है । मुम्बई से व्यंग्य लेखिका अलका अग्रवाल सिगतिया ने कहा कि बुलाकी शर्मा मानवीय प्रवृत्ति पर व्यंग्य करने में सिद्धहस्त हैं । उनकी रचनाओं में मानवीय संवेदना अद्वितीय है । वे गागर में सागर भर देते हैं । रायपुर से डॉ. महेंद्र ठाकुर ने कहा कि उनकी रचनाएँ सामाजिक सरोकारों से ओतप्रोत हैं । वे विसंगतियों पर मारक प्रहार करने की अपेक्षा उन पर अंगुली रखते हैं । सवाई माधोपुर से प्रभाशंकर उपाध्याय ने अलग- अलग मिजाज की अच्छी रचनाएं बताई और कहा कि बुलाकी शर्मा मानवीय संवेदना से जुड़े व्यंग्यकार हैं । यशवंत कोठारी जयपुर, स्नेहलता पाठक रायपुर, सुनील जैन राही दिल्ली, कुमार सुरेश भोपाल, अभिजित कुमार दुबे अगरतल्ला, हनुमान मुक्त गंगापुर सिटी, डॉ. किशोर अग्रवाल रायपुर, वीना सिंह लखनऊ, सुधीर कुमार चौधरी इंदौर आदि ने भी विमर्श में सहभागिता निभाई । नागपुर से युवा व्यंग्यकार – पत्रकार टीकाराम साहू आजाद ने आभार प्रदर्शन किया ।