टुडे राजस्थान न्यूज़ ( अज़ीज़ भुट्टा )
बीकानेर 02 जून । भारतीय जनता पार्टी बीकानेर द्वारा आज वरिष्ठ भाजपा नेता संस्थापक सदस्य स्वर्गीय ओम आचार्य की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया इस श्रद्धांजलि सभा में संकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ सर्व समाज के लोगो ने स्वर्गीय ओम आचार्य के साथ बिताए पलों को याद करते हुए उनकी स्मृतियों के साथ अपने विचार साझा करते हुए उनके सार्वजनिक जीवन पर प्रकाश डाला और किस तरह राजस्थान और बीकानेर भाजपा में उन्हें भीष्म पितमाह कहा जाता है इस पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी।
सभी ने ओम आचार्य के चित्र पर पुष्प अर्पित कर दो मिनट का मौन रखा केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने ओम आचार्य जी साथ स्मृतियों को साझा करते हुए मेरे जीवन में ओम जी का विशेष सहयोग रहा है उनकी पाठशाला का में भी छात्र रहा हु समय समय पर में उनके शिक्षा लेता रहता था राजनीति के साथ कानून के भी ओम जी जानकर थे कानून मंत्री बनने के बाद कानून अनुभव का मुझे लाभ मिला था। केबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने कहा ओम जी आचार्य की देन है आज गांव गांव तक भारतीय जनता पार्टी को पहुंचाया आज 7 विधानसभा में से 6 विधानसभा हम जीत रहे है ये ओम जी की तपस्या की देन है।
देहात जिलाध्यक्ष जालम सिंह भाटी ने कहा ओम आचार्य भारतीय जनता पार्टी के रूप में सदेव हमारे बीच रहेंगे उनके व्यक्तिव और उनके विचार हमें अपने जीवन में उतरने की जरूरत है आज ओम जी के मार्गदर्शन की वजह से अंतिम छोर तक भाजपा अपना परचम लहरा रही है। प्रदेश कार्यकारणी सदस्य सत्यप्रकाश आचार्य ने कहा 1980 से में ओम जी के साथ रहा हर चुनाव में उनकी दूरदर्शिता और उनके कार्यशैली से प्रभावित रहा हूं। विधायक सिद्धि कुमारी ने कहा ओम जी एक विराट व्यक्तित्व थे उनके द्वारा लगाए भाजपा के वृक्ष की छांव में आज हम सब एक परिवार की तरह रहते है ओम जी के विचारों और आदर्शों को हम अपने जीवन में लाए ये सच्ची श्रद्धांजलि है। महापौर सुशीला कंवर राजपुरोहित ने कहा युवा राजनेताओं के लिए कहा हम ओम जी के मार्ग पर चलकर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे।
पूर्व विधायक बिहारी लाल विश्नोई ने कहा ओम जी का हंसता मुस्कुराता चेहरा हमेशा मुझे कोर्ट में दिख जाता था आज वो हमारे बीच नहीं है ये हम सबके लिए व्यक्तिगत क्षति है।आज की श्रद्धांजलि सभा में उपमहापौर राजेंद्र पंवार, लोकेश चतुर्वेदी, चंपालाल गैदर, भवानी शंकर आचार्य, गुमान सिंह राजपुरोहित, गोपाल गहलोत, मुमताज अली भाटी, शशि शर्मा, नारायण चोपड़ा, महावीर सिंह चारण, मोहन सुराणा, श्याम सुंदर चौधरी, नरेश नायक, हनुमान सिंह चावड़ा, जितेंद्र रजवी, आनंद सिंह भाटी, विजय उपाध्याय, दीपक पारीक, बाबूलाल गहलोत, कर्नल हेम सिंह, ओम सोनगरा, गोकुल जोशी, बनवारी शर्मा, सुरेश शर्मा, मीना आसोपा, संगीलाल गहलोत, सलीम जोइया, सुमन छाजेड़, भारती अरोड़ा, सुधा आचार्य, कौशल शर्मा, बंसीलाल गहलोत, भूपेंद्र शर्मा, कुणाल कोचर, चंद्र मोहन जोशी, राजाराम सिगड़, संपत पारीक, सुशील शर्मा, सोहन चांवरिया, फारुख चौहान, मुकेश ओझा, कैलाश बापीऊ, भंवर पुरोहित, पाबूदान सिंह राठौड़, नरसिंह सेवग, ओम प्रकाश मीणा, दुष्यंत सिंह तंवर, पंकज अग्रवाल, राम कुमार व्यास, जसराज सिंवर, भंवर लाल जांगिड, अरुण जैन, दिनेश महात्मा, कमल आचार्य के साथ सर्व समाज के लोग उपस्थित थे।