राजस्थान सरकार के द्वारा आज पेश किया गया बजट तालियां बटोरने और हमदर्दी के मलहम के अलावा कोई ठोस और तरक्की का बजट नही है 50 यूनिट तक मुफ्त बिजली की घोषणा उस घाव को भरने का प्रयास मात्र है जो कि बिजली दरो में पिछले दो सालों में हुई बढ़ोतरी से हुआ है सही मायने में अगर बिजली फ्री देनी होती तो मुख्यमंत्री पहले बढ़ाई गई राशि को कम करते फिर मुफ्त बिजली की बात करते तो जनता को फायदा होता तिगुनी बढ़ोतरी के बाद 50 यूनिट फ्री का दावा सिर्फ अपने महंगाई के भुत को उतारने का कार्य है वही महिलाओ के सुरक्षा की बात को नजरअंदाज करना, राज्य के करो में कटौती ना करके रसोई के जायके को महंगाई की आग में ही धकेले रहना और दिखावे के लिए मोबाइल फ्री की स्कीम राजस्थान में महिलाओ पर लगातार होने वाले उन अत्याचारों से ध्यान हटाने के लिए है जिसमे अभी तक दोषियों पर कार्यवाही नही हुई 2018 के चुनाव से पहले किसानों की कर्ज माफी की बात पर भी जिक्र ना करना किसानों के साथ छलावा है घोषणाओ की रेल पर दौड़ता अशोक गहलोत यह बजट धरातल पर पूर्णतया फैल है प्रेषक कामिनी भोजक मैया